चीन से भिड़ने को तैयार भारत, पूरी तरह से LAC पर…बिछाया…

सर्दियों के दौरान तैनाती के लिए दोनों पक्ष तैयार हैं। चीन ने इस दौरान बेहतर कम्यूनिकेशन के लिए फाइबर ऑप्टिकल केबल की व्यवस्था भी कर ली है। चीन ने इस दौरान कहा कि चुशुल सब सेक्टर में भारत ऊंचाई वाले इलाकों से पहले अपनी नियंत्रण छोड़े जबकि भारत ने कहा कि पूर्वी लद्दाख से सभी सैनिकों की वापसी होनी चाहिए और यथा स्थिति बहाल हो।

लद्दाख में सर्दियों की स्थिति में ज़्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों से सेना को नीचे आना पड़ सकता है और सैनिकों की संख्या में भी कमी की जा सकती है। हमें इंतज़ार करना होगा कि वहां कितने सैनिकों की ज़रूरत होगा।

सर्दियों के बावजूद भी महत्वपूर्ण जगहों पर भारतीय सैनिकों की तैनाती बरकरार रखी जा सकती है। हालांकि अधिकारी ने ये भी कहा है कि चीनी बेस और पैंगोंग त्सो की ऊंचाई को कवर करना ज़्यादा मुश्किल है, ऐसे में पीएलए की स्थिति इलाके में अस्थिर जैसी नज़र आती है।

ये घटना मॉस्को में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री की मुलाकात से पहले हुई थी। मॉस्को वार्ता के बाद, भारतीय और चीनी सैन्य कमांडर 21 सितंबर को वार्ता की टेबल पर लौट आए और स्थिति को सुलझाने की कोशिश की।

भारतीय सैनिकों ने उत्तरी छोड़ पर नियंत्रण लिया। ऊंचाई के क्षेत्र पर पोजीशन लेने के दौरान एक घटना हुई थी। जिसमें दोनों पक्षों ने 100 से 200 राउंड तक हवाई फायरिंग की।

पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर कुछ इलाके ऐसे हैं जहां चीन और भारत के सैनिकों के बीच की दूरी महज़ कुछ सौ मीटर की है। एक हफ्ते तक भारत ने दक्षिण बैंक और चुशुल उप-क्षेत्र पर प्रमुख ऊंचाइयों पर कब्जा करने के बाद चीन ने भारतीय सैनिकों को वहां से हटाने की कोशिश की, लेकिन वो असफल रहे।