चीन से निपटने के लिए अमेरिका ने भारत के साथ बनाया ये खतरनाक प्लान, आज रात होगा पूरा…

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक हम भारत व चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर नजर रखे हुए हैं। वास्तविक सीमा कहा हैं? यह एक संवेदनशील मुद्दा है और हम दोनों पक्षों को कूटनीतिक समाधान निकालने के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं।

 

लेकिन दूसरी तरफ की सीमा को लेकर हमारा स्पष्ट मत है। अमेरिका छह दशकों से अरुणाचल प्रदेश को भारतीय हिस्सा मानता रहा है। हम वास्तविक नियंत्रण वाले हिस्से को एकतरफा तरीके से बदलने के सख्त खिलाफ हैं चाहे उसे मिलेट्री अतिक्रमण से बदला जाए या सिविलियन अतिक्रमण से बदला जाए, इसके सख्त खिलाफ हैं।

उस अधिकारी ने यह भी कहा कि चीन के आक्रामक रवैये से उस क्षेत्र के जो देश परेशान हैं उसमें भारत भी शामिल है। हिंद प्रशांत क्षेत्र के संदर्भ में कहा कि भारत इस हिस्से की एक क्षेत्रीय शक्ति है और एक खुला व सभी देशों के लिए सर्वमान्य ¨हद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में भारत की भूमिका अहम होगी।

भारत के लद्दाख व अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों की वैधता पर रह-रह कर सवाल उठा रहे चीन को अमेरिका ने बेहद कड़ा संकेत दिया है। अमेरिका ने दो टूक कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है और चीन के आक्रामक विस्तारवादी रवैये का भारत भी दुर्भाग्य से शिकार हो रहा है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय का यह बयान शुक्रवार को आया है। इसकी अहमियत इसलिए भी है कि अगले सोमवार को टोक्यो में जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत व अमेरिका के विदेश मंत्रियों की बेहद अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक को लद्दाख से लेकर ¨हद-प्रशांत क्षेत्र और जापान के पश्चिमी हिस्से पर स्थिति द्वीपों पर चीन की विस्तारवादी नीतियों के परिप्रेक्ष्य में भी देखा जा रहा है।