चीन से निपटने के लिए भारत ने पैंगोंग झील में तैनात किया ये खतरनाक हथियार, 14,000 फीट की ऊंचाई पर…

सेना की नई जरूरतों के बारे में भारतीय नौसेना से सलाह ली गई थी. इस क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़पों के बाद मौजूदा गतिरोध के बीच बोट्स की क्षमता बढ़ाने की जरूरत महसूस की गई. बोट्स का इस्तेमाल झील में गश्त करने के लिए किया जाता है, जबकि सेना झील के किनारे पैदल गश्त करती है.

तेज टक्कर सहने की क्षमता के अलावा ऐसी नावों की जरूरत थी जिसमें ज्यादा सैनिकों को पेट्रोलिंग पर भेजा जा सके. फिलहाल भारत जो बोट्स इस्तेमाल कर रहा है उनकी सैनिक क्षमता 10-12 है, लेकिन नई बोट्स में 25-30 सैनिक जा सकेंगे. ये क्षमता चीन के बराबर होगी. नई बोट्स तेज स्पीड वाली होंगी ताकि उन्हें कार्रवाई में इस्तेमाल किया जा सके और पैंगोंग झील में चीनी घुसपैठ को जल्दी रोका जा सके.

दरअसल, भारतीय सेना फिलहाल पेट्रालिंग बोट्स का इस्तेमाल करती है, लेकिन ये चीन द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली नौकाओं की क्षमता और ताकत का मुकाबला करने के लिए नाकाफी हैं. एक आधिकारी ने बताया है कि नई बोट्स भारत में ही बनाई जा रही हैं, जो ज्यादा क्षमता वाली और मजबूत होंगी.

सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि विशेष क्षमताओं वाली दो दर्जन स्वदेशी बोट्स जल्दी ही 14,000 फीट की ऊंचाई पर पैंगोंग झील तक पहुंच जाएंगी. ये बोट्स एंटी-रैमिंग क्षमताओं से लैस होंगी और इनमें ज्यादा सैनिकों को ढोने की क्षमता होगी.

भारत पैंगोंग झील में अपनी पेट्रोलिंग क्षमता बढ़ाने जा रहा है. पैंगोंग झील में सर्दियों के चलते अगले तीन महीनों तक बर्फ जमी रहेगी. गर्मियों तक झील में गश्त शुरू होने का समय आएगा, तब तक उम्मीद है कि नई बोट्स की तैनाती हो जाएगी.