चीन से गतिरोध के बाद भारत करने जा रहा ये, सीमा पर बने युद्ध जैसे हालात

कुछ ही महीने पहले उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) के अध्यक्ष रवि चोपड़ा ने 23 मार्च, 2018 को बताया था कि मंत्रालय चारधाम सड़क परियोजना को निष्पादित करते समय अपने स्वयं के निर्णय का कैसे उल्लंघन कर रहा है।इसके बाद यह कदम उठाया गया है।

 

 

मंगलवार को मंत्रालय की ओर से जारी किए परिपत्र में कहा है कि पहले की चौड़ाई मानक सामरिक सड़कों से संबंधित मुद्दे का समाधान नहीं करती। इसमें कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय द्वारा उठाए गए मुद्दों के मद्देनजर निर्धारित मानकों की समीक्षा की गई है।

संशोधित परिपत्र में मंत्रालय ने कहा है, ‘पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्र की वो सड़कें जो चीन की सीमा के लिए फीडर सड़कों के रूप में कार्य करती हैं या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सामरिक महत्व वाली हैं, उस कैरिजवे की चौड़ाई 7 मीटर होनी चाहिए, जिसके दोनों ओर 1.5 मीटर ढलान होगी।’

ये जानकारी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से दी गई है। राजमार्ग मंत्रालय ने अपने दो साल पुराने उस परिपत्र को संशोधित कर दिया है, जिसमें ऐसी सड़कों की चौड़ाई 5.5 मीटर यानी 18 फीट तक सीमित कर दी गई थी। यह परिपत्र चारधाम सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए विवाद का कारण बन गया था।

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव जारी है। पूर्वी लद्दाख में मई माह से अब तक चीन और भारत के बीच कई बार गतिरोध की नौबत आ चुकी है।

दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के खिलाफ आमने सामने डटी हुई है। सीमा पर युद्ध जैसे हालात बने हैं। भारतीय सेना हर खतरे से निपटने के लिए तैयार है। भारत लगातार अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में जुटा हुआ है।

इस बीच अब खबर ये आ रही है कि अब सभी राष्ट्रीय राजमार्ग, जो चीन की सीमा तक जाने के लिए फीडर सड़कों के रूप में हैं या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रणनीतिक महत्व रखते हैं उन्हें 10 मीटर यानी 32 फीट से ज्यादा चौड़ा किया जाएगा।