चीन में मुस्लिमों को नहीं हैं कोई आजादी

चीन पर बड़ा आरोप लगाते हुए अमेरिका ने कहा है कि वहां अल्पसंख्यकों का दमन किया जाता है। अमेरिका का कहना है कि चीन में इसाइयों, तिब्बतियों का बुरी तरह दमन किया जाता है और मुसलमानों को वहां किसी भी तरह के आजादी हासिल नहीं है। अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और उनके चीनी समकक्ष वांग वाई के बीच हुई बातचीत के दौरान यह मुद्दा उठा था। हालांकि चीन ने अमरीका के इस बात से इनकार किया है और कहा है कि चीन में मानवाधिकारों का पूरा ध्यान रखा जाता है। अमेरिकी विदेश मंत्री का दावा है चीन में अल्पसंख्यकों के हालत बेहद खराब है। माइक पोम्पियो ने चीन से कहा कि उसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों का ध्यान देना चाहिए। उन्होंने चीन से मुसलमानों के हालत पर ध्यान देने के अपील की। चीनी विदेश मंत्री से वार्ता के दौरान माइक पोम्पियो ने कहा कि चीन में ईसाई, तिब्बती और मुसलमानों सहित अन्य धर्मों को मानने वालों के पास कोई अधिकार नहीं है।

माइक पोम्पियो ने कहा, दुनिया के लोग हमारी इस चिंता का समर्थन कर रहे हैं कि चीन में इसाइयों, बौद्धों और लाखों मुसलमानों को स्वतंत्रता नहीं है। पोम्पियो ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा, हमने इस विषय पर बात की है कि चीन अपने देश के लोगों को सम्मान दे, जब धार्मिक रूप से अल्पसंख्यकों की बात आए तो चीन इस मामले में भी ध्यान दे। चीन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमरीका उसके आंतरिक मामलों में दखल न दे। चीन के विदेश मंत्री ने अमरीका के आरोपों से इनकार किया है। चीनी विदेश मंत्री ने बेहद कड़े शब्दों में कहा कि अमरीका को तथ्यों का सम्मान करना चाहिए और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, चीन मानवाधिकारों का सम्मान करता है। राष्ट्रपति शी जिनफिंग हमेशा मानवाधिकारों के लेकर सजग रहते हैं। उन्होंने कहा कि चीन के लोग धर्म को मानने या न मानने के लिए स्वतंत्र हैं। चाहे किसी भी धर्म के लोग हो, वे सभी चीन के नागरिक हैं।