चीन ने दिखाई इस देश को आँख , बिगड़ सकते हालात

इस बारे में जांच पड़ताल में लगी सीनियर वाइटहॉल इंटेलिजेंस सूत्रों की माने तो इस तरह की हरकतों से ब्रिटेन की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है। ब्रिटेन की सिक्यॉरिटी सर्विस के कर्मचारी और ये जासूसी कर रहे अधिकारी एक ही जगह हैं।

 

ऐसे में मुमकिन है कि वह उनकी पहचान कर रहा है। सेंट ऐंड्रू यूनिवर्सिटी, एयरोस्पेस इंजिनियरिंग-केमिस्ट्री रिसर्च, ब्रिटेन की एचएसबीसी (HSBC) और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, Pfizer और AstraZeneca जैसी फार्मा कंपनियों, एयरबस, बोइंग और रॉल्स रॉयस में पार्टी के सदस्य हैं या रह चुके हैं।

इस बारे में टोरी पार्टी के पूर्व नेता डनकन स्मिथ का कहना है कि जांच से अब तक यह साबित हो चुका है कि कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य पूरी दुनिया में फैल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को अब चीन के कॉन्सुलेट से कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों को बाहर कर देना चाहिए। वे सिर्फ एक के लिए काम कर सकते हैं दोनों के लिए नहीं। वहीं, विदेश मंत्रालय ने विदेश में अपनी जानकारी और स्टाफ को सुरक्षित रखने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।

चीन ने अपने जासूसी इरादों को पूरा करने के लिए ब्रिटेन में डिफेंस कंपनियों, बैंक से लेकर फार्मा कंपनियां तक अपने वफादारों को कंपनियों में शामिल किया गया हैं। ब्रिटेन की तरफ से सबसे खतरनाक मौजूदगी शंघाई के ब्रिटिश कॉन्सुलेट में बताई जा रही है।

इस बारे में ‘डेली मेल’ ने ‘द मेल’ के हवाले से दावा किया गया है कि शंघाई स्थित ब्रिटिश कॉन्सुलेट में एक सीनियर अधिकारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का सदस्य है। लेकिन अभी तक इसका कोई सबूत नहीं मिल पाया है। फिर भी इस तरह के दावा किया जाने के बाद करीब 30 सांसदों ने कहा कि वे इस बारे में संसद में सवाल करेंगे।

दुनिया के कई देश चीन के ऊपर जासूसी के आरोप लगा चुके हैं। अब यही आरोप ब्रिटेन भी लगा रहा है। ब्रिटेन की कॉन्सुलेट, यूनिवर्सिटीज और कुछ कंपनियों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के वफादार सदस्य मौजूद होने का दावा किया जा रहा है।

इस बारे में चीनी सत्ताधारी पार्टी के लीक हुए डेटा बेस में से 19.5 लाख सदस्यों की जानकारी है। इस जानकारी से यह साफ़ हो गया है कि कैसे पेइचिंग ने ब्रिटेन के हर कोने में अपना असर फैलाने की कोशिश की है।