चीन के बॉर्डर रोड इनिशिएटिव (BRI) का मुकाबला करने के लिए हिंदुस्तान ने दूसरे राष्ट्रों के साथ नयी राजीनितक पहल प्रारम्भ की है।
हिंदुस्तान ने चाइना को पछाड़ने के लिए 63 राष्ट्रों के साथ आर्थिक परियोजनाओं पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है। इसके लिए हिंदुस्तान 63 राष्ट्रों को लाइन्स ऑफ क्रेडिट पर आधारित योगदान कर रहा है।
अभी तक हिंदुस्तान ने 63 राष्ट्रों को 279 लाइन्स ऑफ क्रेडिट दिया है। इस परियोजना के तहत इन राष्ट्रों को 28 अरब डॉलर का कर्ज़ दिया गया है। हिंदुस्तान की इस परियोजना का फायदा एशिया, कैरिबियन देशों, अफ्रीका व ओसियानिया राष्ट्रों को मिलने लगा है। हिंदुस्तान की ओर से प्रारम्भ की गई इस पहल की जानकारी केन्द्र सरकार की ओर से संसद में दी गई। बताया जाता है कि लोकसभा में सरकार से पूछा गया था कि BRI की अर्थव्यवस्था के मुकाबले व विदेश नीति पर हिंदुस्तान किस तरह का कदम उठा रहा है।
विदेश प्रदेश मंत्री वी। मुरलीधरन ने बताया कि हिंदुस्तान सरकार की ओर से जिन राष्ट्रों को 279 लाइन्स ऑफ क्रेडिट दिया गया है, उनमें से 254 परियोजनाएं 4.70 अरब डॉलर की हैं। संसद में जानकारी दी गई है कि अभी भी 194 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है जो 19 अरब डॉलर की हैं। हिंदुस्तान ने अपने पड़ोसी राष्ट्रों के साथ भी 94 सम्पर्क योजनाओं पर कार्य प्रारम्भ किया है, जिस पर 6.6 अरब डॉलर खर्च किए जा रहे हैं।
विदेश राज्यमंत्री वी। मुरलीधरन ने बताया कि हिंदुस्तान ने पड़ोसी राष्ट्रों के साथ विकासात्मक योगदान को बढ़ाने का कोशिश किया है व उसमें हमें सफलता भी मिली है। पड़ोसी राष्ट्रोंसे हमारे संबंध व मजबूत हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘रियायती शर्तों पर लाइन्स ऑफ क्रेडिट का विस्तार सामाजिक-आर्थिक विकास जैसे विविधता भरे क्षेत्र में विकासात्मक साझेदारी बढ़ी है। हिंदुस्तान की ओर से जिन क्षेत्रों में लाइन्स ऑफ क्रेडिट का विस्तार किया गया है उनमें बिजली, परिवहन, सम्पर्क कृषि, सिंचाई, विनिर्माण उद्योग, जल और स्वच्छता आदि शामिल हैं।