चीन को चौतरफा घेरने की तैयारी में भारत, तैनात किए ये खतरनाक हथियार

पिछले कुछ सालों में भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) से लेकर COVID-19 महामारी के दौरान भोजन और चिकित्सा की आपूर्ति बढ़ाई है।

भारत ने 5 देशों मालदीप, मॉरीशस, मेडागास्कर, कोमोरोस और सेशेल्स की मदद की है। मेडागास्कर और कोमोरोस के भू-राजनीतिक महत्व को स्वीकार करते हुए, जहां चीन अपनी कनेक्टिविटी और सेक्यू-रिटी संबंधी गतिविधियों को लगातार बढ़ा रहा है।

2019 में विदेश मंत्रालय ने हिंद महासागर के देशों श्रीलंका, मालदीव, मॉरीशस और सेशेल्स को एक डिविजन के अंतर्गत लाने का फैसला लिया था। विदेश मंत्रालय ने इसके लिए इंडियन ओसियन रीजन डिविजन के गठन का भी फैसला लिया था।

दोनों देशों ने रक्षा मंत्रियों की हिंद महासागर क्षेत्र की बैठक में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है, जिसे भारत अगले सप्ताह आयोजित करेगा। मेडागास्कर प्रतिनिधिमंडल को यहां की रक्षा मंत्री रिचर्ड राकोटोनिरिना लीड करेंगीं और कोमोरोस अपने विदेश मंत्री धोइहिर धूलकमल के तहत एक रक्षा प्रतिनिधिमंडल भेजेगा।

यह पहली बार है कि उच्च स्तरीय रक्षा प्रतिनिधिमंडल अफ्रीका के पूर्वी तट से द्वीपसमूह से भारत का दौरा करेगा। भारत 4 फरवरी को बेंगलुरु में एयरो इंडिया 2021 के साथ हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन, थीम्ड एनहैंस्ड पीस, सिक्योरिटी एंड कोऑपरेशन की मेजबानी करेगा।

यह एक कॉन्क्लेव की संस्थागत और सहकारी वातावरण में संवाद को बढ़ावा देने का प्रयास जो हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा दे सकता है।

अपनी विस्तारवादी नीतियों के चलते चीन सारी दुनिया की नजरों में रड़क रहा है। कई ऐसे मुल्क चीन की इस आदत कारण इसकी ऋण नीति का शिकार हो चुके हैं और अपनी जमीन गंवा चुके हैं।

चीन की नजरें न सिर्फ भारत हैं बल्कि यह हिंद महासागर पर भी अपना प्रभुत्व कायम रखना चाहता है। ड्रैगन की आदत से वाकिफ भारत भी चीन को घेरने के लिए चौतरफा कूटनीतिक रणनीति बना रहा है।

चीन पश्चिमी हिंद महासागर में तेजी से अपने पैस पसार रहा है। ऐसे में भारत इस क्षेत्र में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मेडागास्कर और कोमोरोस द्वीप समूह के साथ अपनी रक्षा और सुरक्षा दोनों को बढ़ाने की कोशिश में जुटा हुआ है।