चीन के साथ इस देश ने मिलाया हाथ, अमेरिका के खिलाफ भरी हुंकार, हो सकता भयानक युद्ध

ईरान ने अपील की है अमेरिका के खिलाफ रूस और चीन और दुनिया के अन्य देशों के साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका को यह बताने की जरूरत है कि अंतरराष्ट्रीय परिदृष्य में ताकत का गलत इस्तेमाल करने से नुकसना हो सकता है।

 

अक्टूबर में अमेरिका ने ईरानी बैंकों पर नए प्रतिबंध लगा दिया था। इसकी राष्ट्रपति रूहानी और विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने तीखी आलोचना की थी। ईरान ने इसे मानवता के खिलाफ अपराध बताया था।

ईरानी राजदूत जलाली ने ईरान पर लगाए प्रतिबंधों को लेकर कहा कि सच्चाई यह है कि अमेरिका को कई देशों ने मिलकर घेर लिया है और उन्होंने उसे पीछे छोड़ दिया है और नंबर एक बन गए हैं।

उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने ईरान पर अधिक दबाव इसलिए बनाया है, क्योंकि वह चाहता है कि हमारे परमाणु कार्यक्रम प्रभावित हो। उन्होंने हमने प्रतिबंधों के उपयोग अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए शुरू कर दिया है।

ईरानी राजदूत काजम जलाली ने रूस की मीडिया से बातचीत में कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों से ईरान की सैन्य क्षमताओं और वैज्ञानिक अनुसंधान पर कोई असर नहीं होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भविष्य में भी ऐसा ही व्यवहार करेगा, क्योंकि अमेरिका अब अतीत के प्रभुत्व का आनंद नहीं उठा पा रहा है। अमेरिका दुनिया में घूम-घूम कर बता रहा है कि वह नंबर एक ताकत है, जबकि यह सच नहीं है।

खाड़ी देशों में ताकत बढ़ाने में लगे अमेरिका की मुश्किलें अब बढ़ गईं। ईरान ने अमेरिका के दुश्मन रूस और चीन के साथ हाथ मिला लिया है। इसके साथ ही उसने इन दोनों देशों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने की घोषणा की है।

मध्य-पूर्व में रूस और चीन की सेना की निगहबानी बढ़ती है, तो अमेरिका के लिए मुश्किलें और बढ़ेगी। मॉस्को में ईरानी रातदूत ने इसकी पुष्टि की है और उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहे जितनी ताकत लगा ले, हमारे सैन्य संबंध रूस के साथ बना रहेगा।