चीन ने शिनजियांग प्रांत में हलाल उत्पादों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। चीन का कहना है कि यह कदम उसने शिनजियांग में चरमपंथ के खिलाफ जारी लड़ाई के तहत उठाया है। चीन के उत्तर पश्चिम में स्थित यह वह प्रांत है जहां पर मुसलमानों को कई कड़ी धार्मिक पाबंदियों का सामना करना पड़ रहा है। हाल के कुछ वर्षों में चीन ने शिनजियांग में सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर बड़े स्तर पर अभियान छेड़ा हुआ है। चीन का कहना है कि यहां पर मौजूद अलगाववादी तत्वों के विरोध में ऐसा किया है। यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने 10 लाख से ज्यादा उईगर मुसलमानों और दूसरे मुसलमान अल्पसंख्यक समुदायों को री’-एजुकेशन कैंप के नाम न्यायिक और राजनीतिक हिरासत में रखा है।
कैन्टीन को भी बदलने की मांग
हलाल एक अरबी भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है-जायज। यह मुसलमान समुदाय को उन नियमों के बारे में बताता है जिसमें उन्हें अपने धर्म के तहत मंजूरी मिली हुई है। यह खासतौर पर खाने और पीने पर लागू होता है लेकिन इसमें व्यक्तिगत सफाई के उत्पाद जैसे टूथपेस्ट और कॉस्मेटिक्स भी आते हैं। उरुम्की जो शिनजियांग की क्षेत्रीय राजधानी है वहां पर कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने सोमवार को हलाल परंपरा को खत्म करने की शपथ ली है। वीचैट पर शहर के ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर पार्टी कैडर्स की ओर से कुछ शपथ पोस्ट की गई हैं जिसमें इस धर्म को छोड़ने तक की बात तक शामिल है। सरकारी अधिकारियों को भी खाने-पीने की पाबंदियों को न मानने के लिए कहा गया है। सोशल मीडिया पर पार्टी नेताओं ने पोस्ट किया है कि ऑफिस की कैन्टींस को बदलना चाहिए ताकि अधिकारी अलग-अलग राष्ट्रीयता के खान-पान को चखें।