![Image result for à¤à¥à¤¨à¥ सà¥à¤¨à¤¾ नॠफिर à¤à¥Â हिà¤à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨Â मà¥à¤ à¤à¥à¤¸à¤ªà¥à¤](https://images.livehindustan.com/uploadimage/filephotos/year_2016/month_09/day_26/chinaarmy~26~09~2016~1474860269_wallpaper.jpg)
यहां बता दें कि ताजा इंटेलिजेंस इनपुट्स में इसका खुलासा हुआ है. वहीं इंटेलिजेंस इनपुट्स में बताया गया है कि एक विशेष वाटर स्क्वॉर्डन, जिसे झोंग डुई भी कहते हैं, ने पांगोंग त्सो झील पर ठिकाना बना लिया है. इसके अतिरिक्त चीनी सेना का यह स्पेशल स्क्वाड्रन उसके ‘माउंटेन टॉप नेशनल गेट फ्लीट’ का भाग है, जो उच्च तकनीक नेविगेशन व संचार उपकरण ले जाने में सक्षम है. बता दें कि पीएलए की तेज गति वाली नौकाओं में एक समय में 5-7 सैनिक सवार हो सकते हैं.
गौरतलब है कि चाइना हिंदुस्तान की सीमाओं में पहले भी घुसपैठ कर चुका है व वर्तमान समय में भी वह इंडियन सीमाओं पर नजरें गढ़ाए हुए हैं. वहीं एक इंटेलिजेंस ऑफिसर ने बोलाकि विशेष जल स्क्वाड्रन की मदद से चीनी सेना बहुत तेज़ी से आगे बढ़ने में सक्षम हो जाएगी व यदि भविष्य में कोई तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है तो इससे उन्हें तुरंत जवाब देने में मदद मिलेगी. हम पांगोंग त्सो झील में गश्ती व उससे होने वाले प्रभावों का विश्लेषण कर रहे हैं.