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चिनुक हेलीकॉप्‍टर्स की डील का मेगा कॉन्‍ट्रैक्‍ट इंडियन एयरफोर्स के लिए फाइनल

अमेरिकी एरोस्‍पेस की बड़ी कंपनी बोइंग की ओर से रविवार को जानकारी दी गई है कि चिनुक मिलिट्री हेलीकॉप्‍टर्स का पहली बैच गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर पहुंच गया है। यह हेलीकॉप्‍टर्स इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के लिए खरीदे गए हैं। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सीएच47एफ (I) चिनुक मुंद्रा पोर्ट से चंडीगढ़ जाएंगे और यहां पर उन्हें इस वर्ष इंडियन एयरफोर्स में शामिल कर लिया जाएगा। चिनुक हेलीकॉप्‍टर एक मल्‍टी-रोल वर्टिकल लिफ्ट प्‍लेटफॉर्म है जिसे ट्रूप्‍स के ट्रांसपोर्टेशन के अलावा आर्टिलरी, इक्विपमेंट और ईधन भेजने के काम में भी लाया जा सकता है। सबसे खास बात है कि यह वही हेलीकॉप्‍टर है जिसका प्रयोग मई 2011 में यूएस नेवी सील कमांडो ने अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मारने में किया था।

सितंबर 2015 में हुई डील

भारत ने सितंबर 2015 में अमेरिका से 22 अपाचे हेलीकॉप्‍टर्स और 15 चिनुक हेलीकॉप्‍टर्स की डील का मेगा कॉन्‍ट्रैक्‍ट इंडियन एयरफोर्स के लिए फाइनल किया था। बोइंग की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ‘बोइंग भारत में अपने 160 से भी ज्‍यादा पार्टनर्स के साथ अपनी सप्‍लाई चेन को और मजबूत कर रहा है और साथ ही अपाचे हेलीकॉप्‍टर्स के उत्‍पादन के लिए जरूरी ज्‍वॉइन्‍ट वेंचर को भी मजबूत किया है। भारत से प्रतिवर्ष होने वाली सोर्सिंग एक बिलियन डॉलर की है।’ चिनुक हेलीकॉप्‍टर्स का प्रयोग मानवाधिकार और राहत कार्यों के लिए भी होता है। बोइंग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इंडियन एयरफोर्स के पास इस समय 15 चिनुक हेलीकॉप्‍टर्स हैं।

मई 2011 को यूएस आर्मी के 38 सैनिक जिसमें 15 नेवी सील कमांडोज थे, वे सभी इसी चिनुक हेलीकॉप्‍टर में सवार थे। यूएस आर्मी की छह टीमों के साथ चिनुह हेलीकॉप्‍टर्स लादेन को मारने के लिए पाकिस्‍तान के एबोटाबाद में दाखिल हुए थे। 15 नेवी सील कमांडोज में से छह कमांडोज गोल्‍ड स्‍क्‍वाड्रन के थे। चिनुह हेलीकॉप्‍टर अफगानिस्‍तान में तैनात रहा है और इस हेलीकॉप्‍टर की लो लेवल पर उड़ सकने की ताकत इसे और खास बना देती है। वियतनाम वॉर से लेकर अफगानिस्‍तान वॉर तक यह हेलीकॉप्‍टर अमेरिकी सेना की रीढ़ बना हुआ है।

दुनिया की 18 देशों के पास चिनुक

बोइंग की ओर से बताया गया है कि चिनुक को इस समय 18 देशों की सेनाएं प्रयोग कर रही हैं। चिनुक का एक हिस्‍सा भारत में तैयार किया जाएगा। चिनुक हेलीकॉप्‍टर असॉल्‍ट रोल में भी काफी कारगर है। जरूरत पड़ने पर यह अमेरिका के पांच यूएच-60 अटैक हेलीकॉप्‍टर्स की जगह ले सकता है।चिनुक हेलीकॉप्‍टर्स को चंडीगढ़ में रखा जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर इन्‍हें सियाचिन और लद्दाख के लिए रवाना किया जा सके।चिनुक एक एडवांस्‍ड मल्‍टी मिशन हेलीकॉप्‍टर है जो ऊंचाई वाली जगहों पर आसानी से जरूरी सामान की आपूर्ति कर सकता है। दोनों को इस समय अमेरिकी सेना प्रयोग कर रही है।

अफगानिस्‍तान में कारगर चिनुक

चिनुक हेलीकॉप्‍टर्स को अमेरिका ने अफगानिस्‍तान में कोल्‍ड वॉर के दौरान तैनात किया था। इसके बाद ईराक में इन्‍हें तैनात किया गया। अफगानिस्‍तान में जहां पर ऊंची पहाड़‍ियां हैं और तापमान भी अनिश्चित रहता है, वहां पर सैनिकों को एयरलिफ्ट करने में इस हेलीकॉप्‍टर ने अपनी क्षमताओं का बखूबी प्रदर्शन किया