चार दिन के यूपी मिशन पर प्रियंका गांधी, नेताओं की बैठक में रोड शो का मार्ग फाइनल

प्रियंका गांधी मिशन यूपी पर सोमवार से चार दिन के दौरे पर लखनऊ जा रहीं है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव का स्वागत यूपी में किसी त्यौहार की तरह होने वाला है। 23 जनवरी को पार्टी की महासचिव बनने के बाद प्रियंका पहली बार यूपी दौरे पर हैं। पार्टी महासचिव के साथ-साथ प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी की जिम्मेदारी भी सौंपी गई हैं।

11 तारीख को यूपी में जब राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया की आमद होगी तो बीजेपी खेमे में हलचल होना लाजमी है। अपने नेताओं के इस्तकबाल के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता जी-जान से जुट गए है। यूपी प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने नेताओं की बैठक में प्रियंका गांधी के रोड शो का मार्ग फाइनल करते हुए आसपास के जिलों से भीड़ जुटाने के निर्देश दे दिए है। सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद करने के लिए एसपीजी ने मुख्यालय में डेरा डाल दिया है।

रोड शो के दौरान सोमवार सुबह दस बजे अमौसी एयरपोर्ट पर कार्यकर्ता प्रियंका-राहुल-सिंधिया का स्वागत करेंगे और फिर इसके बाद प्रियंका-राहुल और सिंधिया का काफिला कानपुर रोड, शहीद पथ तिराहा, पुरानी चुंगी, विजय नगर रोड, कृष्णा नगर, बाराबिरवा, सुभाष नगर रोड, अवध अस्पताल, सिंगार नगर गेट, बेलेन्ड स्क्वायर, बापू भवन, विधानसभा होते हुए कांग्रेस मुख्यालय पहुंचेगा। राहुल गांधी 11 फरवरी को ही वापस लौट जाएंगे जबकि प्रियंका और सिंधिया 12, 13 और 14 फरवरी को भी लखनऊ में ही रहेंगे।

प्रियंका गांधी को कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक मानने वालों के मुताबिक लोकसभा चुनाव से ठीक पहलेउन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपने की खास वजह है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट वाराणसी पूर्वी उत्तर प्रदेश में ही है और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वजह से गोरखपुर को भी बीजेपी की पारंपरिक सीट माना जाता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश की महासचिव के तौर पर प्रियंका गांधी इन दोनों सीटों पर बीजेपी को सीधी चुनौती देंगी। इस लिहाज से प्रियंका का यूपी दौरा अपने आप में काफी खास माना जा रहा है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश में तकरीबन 30 संसदीय सीटें ऐसी हैं, जहां बीजेपी का दबदबा है। 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर में बीजेपी ने इन 30 सीटों में से केवल आजमगढ़ की एक सीट हारी थी। इस सीट पर मुलायम सिंह यादव को मुश्किल से जीत मिली थी। इसके अलावा मिर्जापुर की सीट पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल ने कब्जा जमाया था। प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपकर कांग्रेस नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ को तो सीधी चुनौती दे ही रही है। साथ ही उसका इरादा बीजेपी के इस नए किले में सेंध लगाना भी है। कांग्रेस को उम्मीद है कि प्रियंका गांधी पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी को बढ़त दिला सकती हैं। अब देखना ये है कि यूपी की सियासत में प्रियंका की एंट्री से हालात कितने बदल पाते हैं।