इस्पात मंत्रालय के वरिष्ठ ऑफिसर ने अमर उजाला को बताया कि ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण इस्पात मुहैया कराने के उद्देश्य से कुछ वर्ष पहले क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर लाया गया था.इसके बाद भी कुछ निर्माता घटिया गुणवत्ता का सरिया या इस्पात के अन्य उत्पाद बना रहे हैं, जो लोगों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर मामला है. उन्होंने बताया कि इंडियनमानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ मिलकर एक देशव्यापी अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान घटिया गुणवत्ता का उत्पाद बनाने वालों को कारागार भेजा जाएगा.
देशभर में होगा औचक निरीक्षण
ऑफिसर के मुताबिक, देशभर में सेकेंडरी स्टील बनाने वाली इकाइयों का औचक निरीक्षण किया जाएगा ताकि वहां बन रहे उत्पादों के बारे में गवर्नमेंट को पता चल सके. साथ ही सरिया के खुदरा विक्रेताओं के यहां भी जांच कर पता लगाया जाएगा कि कहीं वे घटिया सरिया की गैरकानूनी बिक्री तो नहीं कर रहे हैं.
5.7 खरब के निवेश पर संकट
कुछ दिन पहले निर्माण एरिया से जुड़े थिंक टैंक फर्स्ट कंस्ट्रक्शन काउंसिल ने राष्ट्र के नामी 26 ब्रांड के सरिया की जांच कराई थी. इसमें 18 ब्रांड के नमूने फेल हो गए थे. थिंक टैंक ने संभावना जताई है कि इन घटिया सरिया के प्रयोग से बनाए गए हजारों मकानों के गिरने का खतरा पैदा होने के साथ राष्ट्र का 5.7 खरब रुपये का इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश भी संकट में आ गया है.
बीआईएस मानक का पालन नहीं करतीं कंपनियां
थिंक टैंक का कहना है कि घटिया सरिया बनाने में कंपनियां बीआईएस की गाइडलाइंस का पालन नहीं करती हैं. सरिया के निर्माण में कई प्रकार की रासायनिक अशुद्धियां शामिल होती हैं. काउंसिल ने इन अशुद्धियों में शामिल फॉस्फोरस व सल्फर की मात्रा जांचने के लिए ही कई ब्रांड की सरिया गवर्नमेंट की प्रमाणित लैब में भेजे थे. इनमें से 70 प्रतिशत ब्रांड के नमूने फेल हो गए थे.
सरिया का गैरकानूनी निर्माण
इस्पात मंत्रालय के रिटायर ऑफिसर ने बताया कि अधिकांश बेकार गुणवत्ता की सरिया बनाने वालों के पास बीआईएस का लाइसेंस ही नहीं है, जबकि राष्ट्र में सरिया निर्माण के लिए बीआईएस से लाइसेंस लेना महत्वपूर्ण है. उनके मुताबिक, इस समय राष्ट्र भर में करीब 2000 इंडक्शन फर्नेस चल रहे हैं. इनमें से महज 600 से 700 के पास ही बीआईएस का लाइसेंस है. साथ ही जिनके पास बीआईएस का लाइसेंस है, वे भी गड़बड़ी कर रहे हैं क्योंकि आईएसआई मानक के अनुरूप सरिया बनाने पर लागत ज्यादा आती है. ऐसे में उनका मार्जिन प्रभावित होता है.