गूगल ने इनके सम्मान में एक डूडल किया समर्पित

गूगल ने शनिवार को एलाइसा लेओनिडा जमफिरेसको के सम्मान में एक डूडल समर्पित किया। एलाइसा लिंग भेद की बाधाओं से लड़ते हुए विश्व की पहली महिला इंजीनियर बनी थीं।

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रोमानिया के गलाटी शहर में 10 नवंबर 1887 को जन्मीं एलाइसा ने बुचारेस्ट स्थित सेंट्रल स्कूल ऑफ गर्ल्स से अच्छे नंबरों के साथ हाईस्कूल की परीक्षा पास की और मिहाई विटेजुल हाई स्कूल से स्नातक की उपाधि हासिल की।

अपने दस भाई-बहनों में से एक एलाइसा हाईस्कूल पास करने के बाद बुचारेस्ट के स्कूल ऑफ ब्रिजेज एंड रोज से पढ़ाई करना चाहती थीं, लेकिन लड़की होने के कारण उनका आवेदन रद्द कर दिया गया था। इसके बाद वह जर्मनी के रॉयल टेक्निकल एकेडमी पहुंची, जहां से उन्होंने मकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।

वहां भी उन्हें काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा। एक बार संस्थान के प्रमुख ने उनसे कहा कि बेहतर होता कि आप चर्च, बच्चे और रसोई पर फोकस करतीं। लेकिन तीन साल बाद यानी 1912 में उन्होंने इंजिनियरिंग में स्नातक कर लिया और विश्व की पहली महिला इंजिनियरों में से एक बन गईं।

स्नातक के बाद उन्होंने जिअलॉजिकल इंस्टिट्यूट ऑफ रोमानिय जॉइन किया जहां उन्होंने प्रयोगशाला का नेतृत्व किया। वह जनरल एसोसिएशन ऑफ रोमानियन इंजीनियर की पहली महिला सदस्य बनी थीं।

उन्होंने पीटर मॉस स्कूल ऑफ गर्ल्स के साथ-साथ स्कूल ऑफ इलेक्ट्रिशंस और मकैनिक्स, बुचारेस्ट में फिजिक्स और केमिस्ट्री भी पढ़ाई। लैब के प्रमुख के तौर पर उन्होंने मिनरल्स और अन्य चीजों के अध्ययन के लिए नए तरीके एवं तकनीक का सहारा लिया।