गुस्से में किसानों ने शुरू किया ये काम, देख दिल्ली पुलिस के छूटे पसीने

अब किसानों ने 23-24 जनवरी को ‘किसान संसद’ का आयोजन करने का ऐलान किया है। आयोजन सिंघु बॉर्डर के पास गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में किया जाएगा। बताया जा रहा है कि किसान संसद मे आंदोलन से जुड़े मुद्दों और MSP पर बात होगी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के कुछ रिटायर्ड जज, कुछ पूर्व सांसद, पत्रकार पी साईंनाथ, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण कार्यक्रम में शामिल होंगे।

इसके अलावा कृषि कानूनों पर बातचीत के जरिये किसानों संग सुलह में जुटी सरकार आज 10वे दौर की वार्ता करेंगी। दोपहर दो बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में सरकार और किसानों नेताओं के बीच बैठक होनी है। सरकार और किसान संगठनों के बीच पिछली बैठक बेनतीजा रही थी, जिसके बाद एक बैठक आज के लिए टल गयी थी।

26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली को निकालने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की गयी थी, जिसपर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ़ कहा कि ये तय करने का अधिकार और काम पुलिस का है कि दिल्ली में कौन आ सकता है और कौन जा सकता है।

कोर्ट के इस फैसले के बाद आज दिल्ली पुलिस के पदाधिकारियों और किसानों के बीच बैठक हो रही है। इस दौरान किसान दिल्ली पुलिस से ट्रैक्टर रैली की अनुमति लेने के साथ ही उस दिन के अपने पूरे कार्यक्रम की जानकारी देंगे।

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीनों से दिल्ली की सरहदों को घेर कर बैठे देशभर के हजारों किसानों की मांगे पूरी न होने के बाद उन्होंने 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर रैली निकालने का एलान किया था। मामले में अनुमति का अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दिया। आज एक ओर तो किसानो की पुलिस के प्राधिकारियों संग बैठक है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गयी कमेटी के साथ भी किसानों की पहली वार्ता होनी है।