गुजरात: फैक्ट्रियों पर पड़ रहा है पलायन का असर

गुजरात में उत्तर प्रदेश, बिहार  मध्यप्रदेश के लोगों के विरूद्ध फैली नफरत कम होने का नाम नहीं ले रही है. प्रवासियों को राज्य से जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है  कई जगहों पर हिंसा का भी सहारा लिया जा रहा है. गैर-गुजरातियों से राज्य छोड़कर चले जाने को बोला जा रहा है. Image result for गुजरात: फैक्ट्रियों पर पड़ रहा है पलायन का असर

रविवार की रात को आणंद के पास बने बाल अमूल प्लांट में कार्य करने वाले 8 संविदा कर्मचारियों पर कथित तौर पर हमला किया गया. बाइक सवार हमलावरों ने इन्हें राज्य छोड़ने की धमकी दी. राजस्थान  मध्यप्रदेश के करीब 15 श्रमिकों ने प्लांट में शरण ले रखी है.

राज्य में हालात बदतर होती जा रही है. जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश  बिहार के मुख्यमंत्रियों ने गुजरात के CM विजय रूपाणी से फोन पर वार्ता की. अभी तक उत्तर हिंदुस्तानियों पर गुजरात में हमलों के 56 मामले दर्ज किए गए हैं. हिंसा के मामले में पुलिस 431 लोगों को अरैस्ट कर चुकी है.

ज्यादातर घटनाएं हिम्मतनगर की हैं जहां मासूम का बलात्कार किया था. इसके अतिरिक्त मेहसाणा, गांधीनगर  अहमदाबाद हिंसा प्रभावित जिले हैं. अब वडोदरा, आणंद  पंचमहल, जहां ठाकुर समुदाय की बहुत बड़ी आबादी है उन्होंने भी उत्तर हिंदुस्तानियों को वापस जाने के लिए मजबूर करना प्रारम्भ कर दिया है. पीड़ित मासूम ठाकुर जाति की है.

बिहार के 47 मजदूरों को बंधक बनाया 

अहमदाबाद की एक फैक्ट्री में बिहार के 47 मजदूरों को बंधक बना लिया गया है  उनके साथ मारपीट की जा रही है. गुजरात से बिहार के शेखपुरा लौटे कुछ मजदूरों ने जिलाधिकारी से उनकी रिहाई की गुहार लगाई है. वहीं, भय की वजह से बीते एक हफ्ते में गुजरात से 20 हजार लोग पलायन कर चुके हैं. जानकारी के मुताबिक, बंधक बनाए गए सभी मेहनतकश लोगअहमदाबाद के चाचा बाड़ी गांव की एक फैक्ट्री में कार्य करते हैं. बलात्कार की घटना के बाद ये लोग घर लौटना चाह रहे थे, लेकिन फैक्ट्री संचालक ने सभी को एक कमरे में बंद कर दिया है. उनके साथ मारपीट की जा रही है  उन्हें वापस नहीं आने दिया जा रहा. पीड़ित परिवारों ने प्रशासन  जिलाधिकारी से रिहाई  सुरक्षा की मांग की है.

फैक्ट्रियों पर पड़ रहा है पलायन का असर

अहमदाबाद में 100 से ज्यादा प्रवासी अपनी जान बचाकर वापस अपने राज्य चले गए हैं क्योंकि रविवार रात को वस्त्राल में कबीर मंदिर के नजदीक एक मंदिर में आग लगा दी गई थी.आठ लोगों को गैर-गुजरातियों के विरूद्ध नफरत फैलाने वाले संदेश को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप में अरैस्ट किया गया है. एक टूर ऑपरेटर महिपत सिन्ह राजावत जोकि गुजरात, एमपी  उत्तर प्रदेश में बस चलाते हैं उन्होंने कहा, केवल दो दिनों में लगभग 25,000 लोग वापस अपने राज्य जा चुके हैं.

प्रवासियों के इस तरह से जाने का सबसे ज्यादा खामियाजा फैक्ट्रियों को भुगतना पड़ रहा है. राज्य की ज्यादातर फ्रैक्ट्रियां प्रवासी मजदूरों पर काफी निर्भर रहती हैं. त्योहारी मौसम होने के बावजूद इसकी वजह से उत्पादन में 20 फीसदी की कमी आई है. साणंद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत शाह ने कहा, उत्तर प्रदेश  बिहार के 12,000 से ज्यादा मेहनतकश लोग उत्तर गुजरात में कार्य करते हैं. वह सभी अपने गृह राज्य वापस चले गए हैं. केवल साणंद से पिछले कुछ दिनों में 4000 प्रवासी मेहनतकश लोग पलायन कर चुके हैं.

हालांकि इस हिंसा का प्रभाव सूरत, कच्छ, मोरबी, जामनगर  राजकोट में कार्य करने वाले प्रवासी मजदूरों पर नहीं पड़ा है. कुछ लोगों को गवर्नमेंट की तरफ से सुरक्षा मिलने लगी है.इसी बीच सोमवार को गांधीनगर से सोमवार को पुलिस ने कांग्रेस पार्टी नेता महोत ठाकुर  उनके चार साथियों को अरैस्ट कर लिया है. वह ठाकुर सेना के सदस्य हैं. यह संगठन कांग्रेस पार्टी विधायक अल्पेश ठाकुर का है. उन्हें प्रवासियों को 24 घंटे के अंदर उवारसद गाम छोड़कर जाने की धमकी देने के विडियो वायरल होने के बाद अरैस्ट किया गया है.

पंचमहाल जिले की कालोल जीआईडीसी के 400 श्रमिक घर छोड़कर जा चुके हैं. इलाके की पांच-छह कॉलोनियों में यह लोग लंबे समय से रह रहे थे. कालोल की कंपनियों में कार्य करने वाले श्रमिक कई दिन से कार्य पर नहीं जा रहे. वहीं, पाटण औद्योगिक एरिया से 80 लोग सोमवार को पलायन कर गए. थराद, डीसा, वडगाम, दियोदर  पालनपुर से भी गैर गुजरातियों के अपने गृह राज्य लौटने का सिलसिला जारी है.