गर्मी ने तोड़े सारे पुराने रिकार्ड, 48 घंटों में तापमान पहुंचा इतने डिग्री सेल्सियस

पेड़ों की अधाधुंध कटान  ग्लोबल वार्मिग का प्रभाव मौसम पर साफ दिखाई दे रहा है. यही कारण है कि हर वर्ष मौसम का पैटर्न बदल रहा है.
 दशा ये हैं कि बीते 40 वर्षों में जून का महीना इतना गर्म कभी नहीं रहा. गर्मी सभी पुराने रिकार्ड ध्वस्त करती जा रही है. इतने पर भी गर्मी से राहत के संभावना नहीं दिख रहे हैं. आने वाले 48 घंटों में तापमान 45 डिग्री तक पहुंच सकता है.
हालांकि मंगलवार को तापमान में थोड़ी नमी देखने को मिली. मेरठ समेत कई जिलों में धूप नहीं निकल रही है, कई स्थान घटा छाई रही. मौसम में नरमी आने से लोगों के चेहरों पर गर्मी से थोड़ी राहत देखने को मिली.

इस वर्ष गर्मी का रौद्र रूप दिखाई दे रहा है. जून के महीने में पहले ऐसी गर्मी नहीं देखी गई. दिन में भूमि तप रही है  रात को पसीने छूट रहे हैं. पंखे  कूलर भी गर्मी के आगे बौने साबित हो रहे हैं. सोमवार का दिन पिछले 40 वर्षों में सबसे ज्यादा गर्म रहा.

तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल रहे. मौसम ऑफिस पर अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री और न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. अधिकतम आर्र्दता 49 और न्यूनतम 19 प्रतिशत पंजीकृत की गई. तापमान सामान्य से छह डिग्री अधिक रहा.
तापमान वृद्धि का कृषि पर दिखेगा प्रतिकूल प्रभाव
आईआईएफएसआर मोदीपुरम के मौसम वैज्ञानिक डॉ एन सुभाष के अनुसार तापमान में वृद्धि का नतीजा बदलते मौसम के रूप में दिखाई दे रहा है. ग्लोबल वार्मिंग के कारण वाष्पीकरण की प्रक्रिया तेज होती है. आने वाले समय में इसका प्रतिकूल असर कृषि पर भी दिखाई दे सकता है. तापमान बढ़ने से कई पौधों का पनपना कठिन हो जाता है. धीरे-धीरे उनका अस्तित्व खत्म होने कि सम्भावना है.

जून का सामान्य तापमान 38 डिग्री 
जून के महीने में अधिकतम तापमान 38 डिग्री होना चाहिए, लेकिन यह सामान्य से 6 डिग्री ऊपर चल रहा है. आर्र्दता भी बढ़ती जा रही है, जो गर्मी को बढ़ा रही है. तापमान बढ़ने से गर्मी का प्रभाव तेज होता जा रहा है.

ग्लोबल वार्मिंग का दुष्प्रभाव
-ग्लेशियर धीरे-धीरे पिघल रहे हैं. इससे पृथ्वी की आंतरिक सतह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका.
-ओजोन परत में पतली होती जा रही है, पर्यावरण में विषाक्त गैसों का असर.
-ग्लोबल वार्मिग के कारण कई जीव जन्तु भी विलुप्त होने के कगार पर हैं.
-बारिश के चक्र में भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है.
-गर्मी  सर्दी के मौसम के समय अंतराल में उतार चढ़ाव.

अभी मौसम ऐसा ही बना रहेगा
ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव के कारण ही तापमान बढ़ रहा है. जून माह 40 वर्ष में सबसे गर्म चल रहा है. अभी मौसम ऐसे ही रहेगा. तापमान 45 डिग्री तक पहुंच सकता है. वैसे गर्मी से राहत के संभावना नहीं है. – डॉ एन सुभाष, मौसम वैज्ञानिक आईआईएफएसआर तापमान लगातार बढ़ रहा है

जून की गर्मी इस बार नया रिकार्ड बना रही है. तापमान लगातार चढ़ता जा रहा है. मानसूनकेरल में एक हफ्ते देर से आया है. हालांकि अभी उसकी गति ठीक है. उम्मीद है समय से वेस्ट उत्तर प्रदेश पहुंच जाएगा. 12 जून को तेज हवाएं चल सकती हैं. अभी तापमान 42 से 45 के बीच ही रहेगा.