दुगड्डा के फ़तेहपुर गांव से होकर गुज़रने वाले सिलगाड गदेरे के किनारे अंधाधुंध अवैध निर्माण हो रहे हैं. गदेरे की ज़मीन पर अतिक्रमण कर दो दर्जन से ज्यादा रिसॉर्ट बनाए जा चुके हैं.
दुगड्डा और फतेहपुर गांव निवासियों का कहना है कि उनके देखते-देखते अतिक्रमण के चलते गदेरे की चौड़ाई काफी घट चुकी है. ऐसे में जब भारी बारिश होगी और गदेरा उफ़ान पर आएगा तो उनके गांव में नुक़सान होना तय है.
ग्रामीण इसकी कई बार प्रशासन से शिकायत भी कर चुके हैं और शिकायत न सुनी जाने पर आंदोलन भी लेकिन अवैध निर्माण अब भी जारी हैं.
सिलगाड गदेरे के किनारे बने रिज़ॉर्ट्स में बड़ी संख्या में पर्यटक भी ठहरते हैं. ऐसे में इलाके के लोगों के साथ ही पर्यटकों पर भी खतरा बना रहता है. अतिक्रमण कर गदेरे किनारे हुए निर्माणों को अगर समय पर नही हटाया गया तो भारी बरसात में ये निर्माण कभी भी बड़ी तबाही का कारण बन सकते हैं.
दुगड्डा-फतेहपुर की आबादी पर खतरे को भांपते हुए सिंचाई विभाग ने अतिक्रमणकारियों की सूची प्रशासन को सौंप दी है और भवन स्वामियों को नोटिस जारी कर दिए हैं. लेकिन पनियाली गदेरे में प्रशासन की लापरवाही की वजह से हर साल अतिक्रमण बढ़ते देखने वाली अतिक्रमणकारियों को इन नोटिसों की परवाह ज़रा भी नहीं लगती. इसीलिए धड़ल्ले से एक के बाद एक अतिक्रमण होते जा रहे हैं.