इसी विषय में टीम इंडिया के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने एक बयान दिया। उन्होंने मैच के बाद कहा, ‘विराट का भाव देखकर आप समझ सकते हैं कि उन्हें इस शतक की कितनी आवश्यकता थी, इसलिए नहीं कि वह फॉर्म में नहीं थे बल्कि वह 70 व 80 रन बनाकर आउट हो जा रहे थे। वह हमेशा बड़े स्कोर बनाने के लिए जाने जाते हैं।
वहीं कोहली ने भी मैच के बाद बोला कि श्रेयस अय्यर ने उनसे दबाव दूर किया। ऐसे में साफ है कि कोहली पर भी शतक लगाने का दबाव था।
इसके बाद जब विराट ने कुलदीप यादव की गेंद पर शिमरॉन हेटमायर का कैच लपका तो उन्होंने मुंह पर अंगुली रखकर चुप रहने का संकेत किया। हालांकि उन्होंने किसी की तरफ संकेत तो नहीं किया लेकिन कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। इनमें बोला जा रहा है कि उन्होंने आलोचकों को चुप रहने को बोला या फिर रोहित शर्मा के साथ झगड़े की बात पर चुप रहने का संकेतकिया। ऐसा भी माना जा रहा है कि उनका संकेत रोहित से मिल रही चुनौती की तरफ था।
कोहली ने लगभग 5 महीने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक लगाया। इस दौरान उन्होंने 11 पारियां खेली लेकिन शतक नहीं लगा पाए थे। हालांकि इस दौरान उन्होंने लगातार 5 फिफ्टी बनाई थी। वेस्टइंडीज के विरूद्ध शतक से पहले उन्होंने मार्च में ऑस्ट्रेलिया के रांची वनडे में 100 रन का आंकड़ा पार किया था। इससे पहले उन्होंने 2017 में भी 11 पारियों व लगभग 6 महीने के बाद वनडे में शतक लगाया था। उस समय भी कोहली ने वेस्टइंडीज के विरूद्ध ही शतक लगाया था।