कोरोना से लड़ने के लिए WHO देगा 133 देशों ये बड़ा हथियार, पहले इस देश में होगा इस्तेमाल

दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं और कुल मामलों की संख्या तीन करोड़ को पार कर गई है। अभी तक कोरोना वायरस को रोकने के लिए कोई प्रभावी दवा नहीं मिली है।

 

यदि आप कोरोना से लड़ना चाहते हैं तो एकमात्र विकल्प जितना संभव हो उतना परीक्षण करना और रोगी को अलग करना है। केवल यह काम कोरोना वायरस के संचरण को रोक सकता है।

इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस ने बताया कि कोरोना वायरस के लिए लगभग 120 मिलियन रैपिड टेस्ट कम और मध्यम आय वाले गरीब देशों को कम कीमत पर दिए जाएंगे। इस रैपिड टेस्ट को उपलब्ध कराने के लिए कोरोना टेस्ट किट और बिल-मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन बनाने वाली कंपनी के बीच एक समझौता हुआ है और अगले छह महीनों में टेस्ट किट को डिलीवर किया जाएगा। यह किट 133 देशों में वितरित की जाएगी और 15 से 30 मिनट में रिपोर्ट की जाएगी।

कोरोना वायरस के कारण दुनिया में रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है और सभी देशों द्वारा अधिक से अधिक परीक्षण करने पर जोर है। जब तक कोरोना वायरस के खिलाफ एक टीका नहीं मिलता है, मास्क और सोशल डिस्‍टेंसिंग के साथ-साथ अधिकतम परीक्षण आवश्यक हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) उन गरीब देशों के पक्ष में आया है जो आर्थिक स्थितियों के कारण अधिक परीक्षण किट नहीं खरीद सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन सस्ती कीमतों पर 12 करोड़ रैपिड टेस्ट किट प्रदान करेगा।

दुनिया इस समय कोरोना महामारी से जूझ रही है। इस बीमारी के कारण दुनिया के कई देशों की आर्थिक स्‍थिति भी खराब हो गई है। गरीब देशों में कोरोना की सही से जांच नहीं हो पा रही है, क्‍योंकि इसके पास पर्याप्‍त साधन नहीं है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गरीब देशों में अधिकतम परीक्षण को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है।