कोरोना वैक्सीन को देशभर में भेजने के लिए की जा रही ये बड़ी तैयारी , बड़े पैमाने पर…

वैक्सीन ले जानी वाली गाड़ियों के तेज मूवमेंट के लिए एयरपोर्ट टर्मिनल पर आने-जाने के अलग से गेट हैं। इनके जरिए वैक्सीन को एयरपोर्ट से अंदर या बाहर तेजी से लाया जा सकता है।

सिविल एविएशन मिनिस्ट्री मेट्रो एयरपोर्ट को ट्रांसपोर्टेशन हब बनाने पर काम कर रही है। इसी के तहत दिल्ली एयरपोर्ट पर 6,500 स्क्वेयर मीटर में एक डेडिकेटेड ट्रांस-शिपमेंट एक्सीलेंस सेंटर बनाया गया है। इससे भी वैक्सीन की तेज आवाजाही में मदद मिलेगी।

दिल्ली एयरपोर्ट पर QR कोड बेस्ड ई-गेट पास सर्विस है। इससे पेपर डॉक्यूमेंटेशन में कम वक्त लगेगा और पूरी प्रोसेस में इंसानों का दखल भी नहीं होगा। इससे इम्पोर्ट करके लाई गई वैक्सीन को ज्यादा तेजी से कहीं भी भेजा सा सकेगा। हाल के दिनों में दिल्ली एयरपोर्ट ने देशभर में लाखों PPE किट भेजने के लिए एक सेंटर की तरह काम किया है।

दिल्ली एयरपोर्ट मैनेजमेंट के मुताबिक, उनके पास वर्ल्ड लेवल इन्फ्रास्ट्रक्चर वाले दो कार्गो टर्मिनल हैं। इनमें टेम्प्रेचर के मुताबिक स्टोरेज की फैसिलिटी मिलती है।

इनकी कैपेसिटी 1.5 लाख मीट्रिक टन तक सामान संभालने की है। यहां टेम्प्रेचर के लिहाज से जोन भी बने हैं। इनमें अलग-अलग चैंबर भी हैं, जिनका तापमान -20 से 25 डिग्री सेल्सियस रखा जा सकता है। कोरोना की वैक्सीन को भी इतने ही तापमान में रखने की जरूरत होगी।

एयरपोर्ट के प्रवक्ता ने कहा कि एयरकंडीशंड चैंबर के अलावा यहां कूल डॉलीज भी हैं। कूल डॉलीज वे ट्रॉलियां हैं, जिनके जरिए टर्मिनल और विमान के बीच सामान की आवाजाही होती है। इनमें टेम्प्रेचर को सामान के लिहाज से फिक्स किया जा सकता है।

दिल्ली कार्गो टर्मिनल की क्षमता 1.5 लाख मीट्रिक टन तक सामान संभालने की है। यहां अलग-अलग टेम्प्रेचर वाले जोन भी बने हैं। -फाइल फोटो

देश में कोरोना वैक्सीन की सप्लाई जल्द ही शुरू होने की खबरों के बीच दिल्ली और हैदराबाद एयरपोर्ट ने इसके ट्रांसपोर्टेशन के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।

हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि कोरोना की वैक्सीन कुछ ही हफ्तों में तैयार हो सकती है। इसी वजह से दोनों एयरपोर्ट पर सभी इंतजाम दुरुस्त किए जा रहे हैं।

दिल्ली और हैदराबाद एयरपोर्ट के पास देश की सबसे बड़ी कार्गो सर्विस भी है। यही कारण है कि इन्हें वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन के हिसाब से बड़ा सेंटर माना जा रहा है। ज्यादातर फार्मा कंपनियों के हैदराबाद में होने की वजह से यहां के एयरपोर्ट के पास पहले से सभी सुविधाएं मौजूद हैं।