प्रधानमंत्री ने कहा, ‘वैक्सीन पहले चरण में हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स, बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को दी जाएगी। केंद्र और राज्य की सरकारें वैक्सीन के वितरण पर तेजी से काम कर रही हैं।
भारत के पास न केवल टीकाकरण की विशेषज्ञता है, बल्कि क्षमता भी है। हम टीकाकरण कार्यक्रमों में अनुभव के साथ ही सबसे बड़े नेटवर्क में से एक हैं।’प्रधानमंत्री ने वैक्सीन की कीमतो को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि इसमें सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘केंद्र और राज्य सरकार एक ही बात पर चर्चा कर रहे हैं। वैक्सीन की लागत सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तय की जाएगी और राज्य सरकारें इसमें प्रमुख भूमिका निभाएंगी।’
टीके को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘कुछ दिन पहले मेरी टीका बनाने वाले वैज्ञानिकों से भी बात हुई है। हमारे वैज्ञानिक अपनी सफलता को लेकर काफी आश्वस्त हैं।
भारत में 8 वैक्सीन ट्रायल के अलग-अलग चरण में हैं और उनका उत्पादन भारत में ही होगा। देश की तीन वैक्सीन भी अलग-अलग चरण में हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि टीकाकरण ज्यादा दूर नहीं है। जैसे ही वैज्ञानिक हमें हरी झंडी दे देंगे, भारत में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो जाएगा।’
उन्होंने कहा कि भारत को अगले कुछ हफ्तों में वैक्सीन मिल सकती है। भारत के वैज्ञानिक सफलता के करीब है। वैक्सीन कंपनियों से हरी झंडी मिलने के बाद टीकाकरण का कार्य शुरू हो जाएगा। इस दौरान उन्होंने वैक्सीन की कीमत और इसके वितरण को लेकर भी बात की।
देश में कोरोना की रफ़्तार लगातार जारी है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना की स्थिति को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में लोकसभा और राज्यसभा सांसदों ने हिस्सा लिया। वहीं बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ा बयान दिया।