कोरोना वायरस से दो साल तक बचाएगी इस देश की वैक्सीन , टीका बनाने वाले वैज्ञानिक का दावा

कोरोना (Corona virus) संक्रमण के पहली बार जापान में एक दिन में 3 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण के 3,030 नए मामले सामने आए हैं जिनमें से 621 मामले तोक्यो से हैं.

नए मामलों को मिलाकर देश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,77,287 हो गई है और संक्रमण से अब तक 2,562 लोगों की मौत हो गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि देश भर में गंभीर मामलों की संख्या बढ़ रही है, जिससे अस्पतालों पर दबाव बढ़ रहा है और अन्य मरीजों के प्रतिदिन उपचार पर भी असर पड़ रहा है.

हालांकि ‘स्पूतनिक-वी’ वैक्सीन को लेकर एलेक्जेंडर गिन्ट्सबर्ग ने एक चेतावनी भी दी है। दरअसल, उनका कहना है कि यह वैक्सीन लेने के बाद अगर लोग शराब का सेवन करेंगे तो वैक्सीन का प्रभाव कम हो सकता है।

एलेक्जेंडर गिन्ट्सबर्ग के अलावा रूस के उप-प्रधानमंत्री ततियाना गोलिकोवा ने भी देश के नागरिकों को शराब न पीने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि वैक्सीन लगवाने के बाद अगर लोगों ने शराब पी तो सब कुछ बेकार हो जाएगा, क्योंकि यह वैक्सीन के असर को खत्म कर सकती है।

ताश (TASS) समाचार एजेंसी के मुताबिक, यूट्यूब पर सोलोविएव लाइव चैनल पर एलेक्जेंडर गिन्ट्सबर्ग ने कहा, ‘अभी मैं केवल सुझाव दे सकता हूं, क्योंकि और अधिक प्रयोगात्मक डेटा की जरूरत है।

हमारा टीका इबोला वैक्सीन की तर्ज पर बनाया गया है। अभी तक इस वैक्सीन से जुड़े जितने भी प्रयोग हुए हैं, उनके डेटा से ये पता चलता है कि यह वैक्सीन दो साल या उससे अधिक समय के लिए सुरक्षा दे सकती है।’

एलेक्जेंडर गिन्ट्सबर्ग के मुताबिक, ‘स्पूतनिक-वी’ 96 फीसदी मामलों में प्रभावी है। बाकी बचे चार फीसदी टीकाकृत व्यक्तियों को बहती नाक, खांसी और मामूली बुखार की शिकायत होगी, लेकिन फेफड़े प्रभावित नहीं होंगे।

अंतरिम अनुसंधान के परिणामों के अनुसार, ‘स्पूतनिक-वी’ वैक्सीन की प्रभावकारिता पहली खुराक के बाद 42वें दिन 95 फीसदी से अधिक है, बशर्ते कि एक मरीज को दूसरी खुराक भी मिली हो।

रूस ने अगस्त में ही अपनी वैक्सीन ‘स्पूतनिक-वी’ को लॉन्च किया था और तब से लेकर अब तक एक लाख से अधिक लोगों को यह वैक्सीन दी जा चुकी है।

चूंकि पहले इस वैक्सीन को लेकर यह स्पष्ट तौर पर नहीं कहा गया था कि यह कोरोना वायरस से कितने समय के लिए सुरक्षा देगी, लेकिन अब इस वैक्सीन को बनाने वाले एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि यह वैक्सीन कोरोना से दो साल तक के लिए सुरक्षा दे सकती है।

दरअसल, ‘स्पूतनिक-वी’ को विकसित करने वाली गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर एलेक्जेंडर गिन्ट्सबर्ग ने दावा किया है कि इस वैक्सीन के जरिए कोविड-19 के खिलाफ दो साल तक सुरक्षा प्रदान किए जाने की संभावना है।