कोरोना को लेकर वैज्ञानिकों ने दी ये बड़ी चेतावनी, कहा ठंड में होने वाला है…, बचने के लिए करें ये काम

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे ज्यादातर प्रोडक्ट ओवरकिल और हानिकारक हैं। डेलफिन फार्मर कहते हैं कि इन फैंसी दिखने वाली चीजों को नजरंदाज करना चाहिए। पानी और साबुन आज भी सबसे खूबसूरत और बेहतर तरीके से काम करते हैं।

 

हार्वर्ड में बिल्डिंग सेफ्टी के एक्सपर्ट जोसेफ एलेन कहते हैं कि सिर्फ वेंटिलेशन ठीक कर संक्रमण नहीं रोक सकते हैं कुछ सामूहिक प्रयासों के दम पर इसके खतरे को कम कर सकते हैं ।

इसके अलावा कोरोना पर रिसर्च कर रहीं अमेरिकी डॉक्टर मार के मुताबिक, खराब वेंटिलेशन वाली जगहों पर जैसे ज्यादातर रेस्टोरेंट और बार में खतरा ज्यादा होता है। ऐसी जगहों पर वायरस ज्यादा दूर और देर तक रहता है। इससे पहले वैज्ञानिकों ने पाया था कि अस्पताल के अंदर संक्रमित मरीज से वायरस छोटे ड्रॉपलेट्स के रुप में (एयरोसोल्स) हवा में 16 फीट तक फैल रहे थे।

डॉ. मार के मुताबिक अभी भी बचाव का सबसे बेहतर रास्ता है अपने चेहरे को ढंकना और हाथों को धोना। वैज्ञानिकों के मुताबिक तमाम महंगे उपकरणों की बजाय पानी और साबुन का इस्तेमाल सबसे बेहतर उपाय है।

इंडोर वायरस के फैलाव को रोकने के लिए बाजार में विभिन्न तरह के महंगे उपकरण हैं। ये सतह को साफ करने का वादा करने का साथ हवा को वायरस मुक्त करने का भी दावा करते हैं।

कोरोना वायरस से जूझ रही दुनिया के लिए यह महामारी सर्दियों में और मुसीबत बन सतकती है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की है कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी वैसे कोरोना महामारी के मामलों और वायरस के असर बढ़ सकता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक ठंड का मौसम आने पर लोग घरों, ऑफिसों या बंद जगहों पर रहना पसंद करते हैं। लोगों का घरों में रहना कोरोना वायरस के लिए साबित होगा क्योंकि इंडोर जगहों में वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा है।

कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के एटमॉसफियर केमिस्ट डेलफिन फार्मर के मुताबिक खराब वेंटिलेशन वाले इंडोर स्थानों में वायरस का असर ज्यादा दूर और देर तक रहता है।