केन्द्र सरकार के क्रम में हासिल हुई बड़ी कामयाबी

अगरतलाः केन्द्र सरकार करने के क्रम में एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. गृह मंत्रालय,त्रिपुरा सरकार  उग्रवादी संगठन ‘नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा-सबीर देबबर्मा’ (एनएलएफटी-एसडी) के बीच शनिवार को त्रिपक्षीय समझौते (मेमोरेंडम ऑफ सेटलमेंट) पर दस्तखत किए गए. इसके अनुसार इस प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन के 88 मेम्बर अपने शस्त्र डाल देंगे. दस्तखत के बाद एनएलएफटी-एसडी के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट भी की.

एनएलएफटी को 1997 में गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था. सरकार की ओर से जारी नोट के अनुसार, समझौते पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वोत्तर) सत्येंद्र गर्ग, त्रिपुरा सरकार के अलावा मुख्य सचिव (गृह) आलोक कुमार  एनएलएफटी-एसडी की ओर से सबीर कुमार देबबर्मा  काजल देबबर्मा ने दस्तखत किए. एनएलएफटी-एसडी ने हिंसा का रास्ता छोड़ने, मुख्यधारा में शामिल होने  भारतीय संविधान का पालन करने पर सहमति जाहीर की है.

साथ ही उसने इस बात पर भी सहमति जताई है कि उसके 88 मेम्बर अपने हथियार  गोला-बारूद के साथ जल्द ही आत्म समर्पण कर देंगे. वहीं, सरकार ने एनएलएफटी-एसडी नेताओं को आश्वासन दिया है कि आत्म समर्पण करने वाले उसके मेंबरों को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ‘आत्मसमर्पण सह पुनर्वास योजना-2018’ के तहत लाभ प्रदान किए जाएंगे.

नोट के अनुसार, ‘त्रिपुरा सरकार एनएलएफटी-एसडी के सेरेण्डर करने वाले सदस्यों को उनके घरों के निर्माण, सरकारी नौकरियों में भर्ती  उनके बच्चों को एजुकेशन सुविधाएं प्रदान करने में सहायता करेगी. केन्द्र सरकार प्रदेश के आदिवासी इलाकों में आर्थिक विकास के लिए त्रिपुरा सरकार के प्रस्ताव पर भी सोच विचार करेगी.‘ यह निश्चित ही शांति के लिए एक बड़ा कदम है.