कृषि कानून को लेकर सोनिया गांधी ने खोला ये बड़ा राज, जानकर किसान भी हुए हैरान

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मंगलवार (Tuesday) तक नाम सौंप दिए जाएंगे. इसके बाद बिना आदेश पास किए ही सोमवार (Monday) की सुनवाई खत्म हो गई.

नवंबर के आखिरी हफ्ते से ही केंद्र सरकार (Central Government)के नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के प्रदर्शन को 1 महीने से ज्यादा का वक्त हो गया. लेकिन, सरकार के साथ आठ दौर की बातचीत के बावजूद भी अब मसले का हल नहीं निकल पाया है.

उधर, कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी पार्टियां के किसानों की मांग का समर्थन कर रही हैं. इसके बाद बजट सत्र से पहले कृषि कानूनों पर विपक्ष की ये बैठक अहम हो जाती है.

बता दें कि मोदी सरकार के नए कृषि सुधार कानूनों की वापसी को लकर किसानों के आंदोलन का सोमवार (Monday) को 47वां दिन है. नए कृषि कानून रद्द करने समेत किसान आंदोलन से जुड़ी दूसरी अर्जियों पर सोमवार (Monday) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में सुनवाई हुई.

चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने सरकार से कहा कि जिस तरह से प्रक्रिया चल रही है, उससे हम निराश हैं. हमें नहीं पता कि सरकार की किसानों से क्या बातचीत चल रही है.

सीजेआई ने सरकार से दो टूक कहा कि आप कृषि कानूनों पर रोक लगाएंगे या हम कदम उठाएं? सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सरकार से कमेटी बनाने के लिए नाम मांगे हैं.

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कृषि कानून पर साझा रणनीति बनाने के लिए विपक्ष के नेताओं से सोमवार (Monday) को बात की. संसद सत्र से पहले विपक्ष की रणनीति बनाने के लिए सभी दल बैठक कर सकते हैं.

बता दें कि संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा. बजट सत्र दो हिस्सों में होगा. पहला सेशन 29 जनवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा. दूसरा भाग आठ मार्च को शुरू होकर आठ अप्रैल तक चलेगा. सत्र में 1 फरवरी को केंद्र सरकार (Central Government)अपना बजट पेश करेगी. सत्र के पहले दिन 29 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों को संबोधित करने वाले है.