कृषि कानून को लेकर पीएम मोदी ने खोला ये बड़ा राज , कहा – खेती को करेंगे…

पीएम मोदी ने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से किसानों और युवाओं को अपने घर के पीछे खाली जगह पर, या छत पर बागवानी करने और स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा नयी प्रौद्योगिकी की मदद से ऐसे ही प्रयास देश के अन्य हिस्सों में भी हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्ट्रॉबेरी महोत्सव का प्रयोग नवाचार की भावना को तो प्रदर्शित करता ही है, साथ ही यह भी दिखाता है कि देश का कृषि क्षेत्र कैसे नयी प्रौद्योगिकी को अपना रहा है।

इस कड़ी में प्रधानमंत्री ने बुंदेलखंड के झांसी में पिछले दिनों हुए ”स्ट्रॉबेरी महोत्सव” का उल्लेख किया और इसके लिए इसकी शुरुआत करने वाली वहां की कानून की छात्रा गुरलीन चावला की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड और स्ट्रॉबेरी की बात सुनकर हर किसी को आश्चर्य होता है लेकिन यह सच्चाई है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब बुंदेलखंड में स्ट्रॉबेरी की खेती को लेकर उत्साह बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ”गुरलीन ने पहले अपने घर पर और फिर अपने खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती का सफल प्रयोग कर ये विश्वास जगाया है कि झांसी में भी ये हो सकता है। झांसी का स्ट्रॉबेरी महोत्सव ‘स्टे एट होम’ की अवधारणा पर जोर देता है।”

तीन कृषि कानूनों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार खेती को आधुनिक बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है और इस दिशा में उसके प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी के अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की ताजा कड़ी में यह बात कही। देश के विभिन्न इलाकों में नयी प्रौद्योगिकी की मदद से हिसालू यानी स्ट्रॉबेरी की खेती को लेकर बढ़ रहे उत्साह का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “जो स्ट्रॉबेरी कभी, पहाड़ों की पहचान थी, वो अब कच्छ की रेतीली जमीन पर भी होने लगी है। किसानों की आय बढ़ रही है।”