कृषि कानून को लेकर झुक नहीं रही सरकार , अब किसान करने जा रहे ये…

दिल्ली कूच को सफल बनाने के लिए दिल्ली चलो अभियान समिति का भी गठन किया गया है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के राष्ट्रीय महासचिव सुखदेव सिंह (कोकरी कलां) ने बताया कि केंद्र के कृषि कानूनों को लेकर किसानों के दिल्ली कूच को एक महीमो पूरे होने पर यह निर्णय लिया गया है।

आपको बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार मध्यप्रदेश के किसानों के साथ संवाद किया और कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से अपना आंदोलन खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा कि नया कृषि कानून सिर्फ व सिर्फ किसानों के हित में है और उन्हें किसी के बहकावे में नहीं आनी चाहिए।

इस बीच किसान नेताओं ने सरकार पर दवाब बढ़ाने के लिए अपने आंदोलने को तेज करने की रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली कूच के एक महीने पूरे होने पर किसान 26-27 दिसंबर को फिर दिल्ली कूच करने का ऐलान किया।

किसान नेताओं का दावा है कि इन दो दिनों के दौरान 30 हजार किसान दिल्ली की ओर रवाना होंगे। 26 को खनौरी सीमा और 27 दिसंबर को डबवाली सीमा से 15-15 हजार की संख्या में किसान दिल्ली कूच करेंगे। दिल्ली कूच की यह घोषणा संयुक्त किसान मोर्चा ने की है।

आपको बता दें कि नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर बड़ी तादाद में किसान 26 नवंबर से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हैं। किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित कई नाकों पर डटे हैं। नए कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ी तादाद में किसान तीन सप्ताह से अधिक समय से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हैं और धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।

गिरते पारे और कोरोना के खतरे के बीच नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 24वां दिन है। लेकिन अबतक इस मसले का कोई हल होता नहीं दिख रहा है। किसानों और सरकार के बीच लगातार गतिरोध बरकरार है। ना किसान हट नहीं रहे और न ही सरकार झुक रही है।