कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार ने सुनाया ये बड़ा फैसला , कहा कानून रद्द नहीं होगा कुछ भी हो…

किसानों को मनाने और आंदोलन खत्म कराने के लिए सरकार भी एक्टिव है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृहमंत्री अमित शाह से मिलने उनके घर पहुंचे हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी किसानों को समझाने की जिम्मेदारी दी गई है.

 

तोमर और राजनाथ सिंह दोनों सभी से अलग-अलग बात करेंगे, लेकिन, पंजाब के किसान नेताओं से बात करने की जिम्मेदारी अमित शाह ने अपने पास रखी है.

बता दें कि किसान नेता संदीप गिड्डे ने बताया है कि 19 दिसंबर से प्रस्तावित किसानों की अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल रद्द कर दी गई है. इसके बजाय सोमवार को दिनभर की भूख हड़ताल की जाएगी. वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘अगर सरकार बातचीत का एक और प्रस्ताव रखती है तो हमारी कमेटी उस पर विचार करेगी. हम सभी से प्रदर्शन के दौरान शांति बरकरार रखने की अपील करते हैं.’

कृषि कानून (Agricultural Law) के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर पर डटे किसानों के आंदोलन (Kisan Andolan) का आज 19वां दिन है. किसानों (Farmers) की मांग है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून को वापस ले ले जबकि सरकार ने साफ कर​ दिया है वह कानून में संशोधन को तो तैयार है लेकिन कानून वापस नहीं लिया जाएगा.

इस बीच अब केंद्र सरकार के कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने किसानों से सरकार केसाथ बातचीत की अपील की है. उन्होंने कहा है कि किसान पिछले काफी दिनों से आंदोलन कर रहे हैं.

मैं किसानों से अपील करता हूं कि सरकार के साथ बैठकर बिल संबंधित कानूनों से संबंधित मुद्दों को हल करें. कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसान केंद्र सरकार के साथ बैठक कर अपनी बात रखें और बिल में कुछ जोड़ना है या किसी शंका का समाधान करना है तो कर सकते हैं लेकिन ये पूरी तरह से रद्द नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि जब तक किसान सरकार के साथ बैठकर बात नहीं करेंगे तब तक इसका हल नहीं निकलेगा.