कृषि कानून के विरोध को लेकर किसानों ने उठाया ये बाद कदम, करने जा रहे आज रात…

इस एलान में कहा गया है कि मार्च में शामिल नहीं होने वाले परिवार पर 2100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। विवादित घोषणा कथित रूप से भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष जसबर सिंह, अवतार सिंह और भूपेंद्र सिंह ने स्थानीय निवासियों की उपस्थिति में की थी।

घोषणा में कहा गया है कि यह सर्वसम्मति से तय किया गया है कि जो लोग मार्च में शामिल नहीं होना चाहते हैं उन्हें 2100 रुपये का भुगतान करना होगा।

आप इसे डीजल खर्च के लिए जुर्माना या योगदान मान सकते हैं लेकिन निर्णय अंतिम है।’ बीकेयू नेताओं ने यह भी कहा है कि जो मार्च में शामिल नहीं होंगे, उन्हें भविष्य में किसान यूनियन का कोई समर्थन नहीं मिलेगा।

भल्लेहरी गांव में 600 घर हैं जो मार्च के लिए सौ ट्रैक्टर भेजेंगे। वहीं, मोगा के राउक कलां गांव में किसानों को ट्रैक्टर मार्च के लिए प्रति एकड़ 100 रुपये का योगदान देने के लिए कहा गया है।

किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि हम मार्च में शामिल होने के लिए ट्रैक्टर मार्च को सफल बनाना चाहते हैं और इस गांव के 80 से अधिक ट्रैक्टरों की उम्मीद कर रहे हैं।

बता दें कि यह गांव है- मोगा का राउक कलां और संगरूर का भल्लरहेडी। संगरूर के भल्लरहेडी गांव ने जहां 2100 रुपये का जुर्माना लगाया है, वहीं मोगा के राउक कलां उन लोगों से 1200 रुपये वसूलेंगे जो गणतंत्र दिवस के ट्रैक्टर मार्च में नहीं जाना चाहते हैं। संगरूर में यह ऐलान भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) समूह के नेताओं की उपस्थिति में गुरुद्वारा गांव से की गई थी।

कृषि कानून के विरोध को लेकर किसान आन्दोलन अभी जारी है मामला सुप्रीमकोर्ट में पहुंच चुका है। मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कृषि कानून के लागू करने पर रोक लगा दी है।

इसके लिए चार सदस्यों की एक समिति भी बनाने के लिए केंद्र सरकार को आदेश दिया है। इस बीच किसानों ने आन्दोलन को और तेज़ करने के लिए 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर मार्च निकालने की योजना पिछले दिनों की थी।

किसानों की ओर से निकाले जा रहे ट्रैक्टर मार्च पर विवाद शुरू हो गया है। जिसमें पंजाब के दो गांव ने ट्रैक्टर मार्च में शामिल न होने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने का ऐलान किया है।