कृषि कानून के खिलाफ किसानो ने उठाया ये बड़ा कदम, पीछे हटने का सवाल नहीं…

नए कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को लेकर कुछ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम किसान आंदोलन और कृषि कानूनों की अर्जी पर सोमवार को सुनवाई करेंगे।

 

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबड़े ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें हालात में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि हम हालात से वाकिफ हैं और चाहते हैं कि बातचीत और बढ़े। हम हालात पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं।

किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही यह गतिरोध खत्म होगा।

किसान नेता गुरनाम सिंह चंदूनी ने कहा कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक हम नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि दो कदम आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का इम्तिहान ले रही है। सरकार सोच रही है कि किसान कमजोर हो जाये या फिर टूट कर वापस चला जाएं, जिद पकड़ कर बैठी सरकार का हाल कही जूते खाने वाले वाला न हो जाए।

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों की सेवा करते सेना का एक जवान नजर आया। बर्फबारी के चलते कश्मीर की फ्लाइट रद्द होने के बाद वह सिंघु बॉर्डर पर पहुंचा और लंगर की सेवा में लोगों को खाना खिलाया। कैथल का रहने वाले जवान ने कहा कि देश की तरह किसान भी हमारी जिम्मेदारी है, अगर सरकार नाराज हुई तो नौकरी छोड़ दूंगा।