कृषि कानून की वापसी पर अड़े किसान, 8 जनवरी को होगा ये, सरकार भी तैयार…

इससे पहले छठे दौर की वार्ता 30 दिसंबर को हुई थी। तब दोनों पक्ष दो मुद्दों पर आम सहमति पर पहुंच गए थे – बिजली की दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड। हालांकि, पांच घटे चली यह बैठक तीन कृषि विधानों पर गतिरोध को तोड़ने में विफल रही। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए एक कानूनी गारंटी का मामला अभी तक टकराव का कारण बना हुआ है।

वहीं बिगड़ते मौसम के बीच अब तक दिल्ली बॉर्डर पर तीन किसानों की मौत हो चुकी है। बीते करीब एक महीने में दम तोड़ने वाले किसानों में शामिल हैं – जींद जिले के 66 वर्षीय जगबीर और बठिंडा के 18 वर्षीय जशनप्रीत की टिकरी में मौत हो गई, जबकि संगरूर के 44 वर्षीय शमशेर सिंहू विरोध स्थल पर एक ट्रक के अंदर मृत पाए गए हैं।

तीन कृषि बिल के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सोमवार को विरोध प्रदर्शन का 40वां दिन है। इस बीच, राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों और सरकार के बीच सातवें दौर की वार्ता हो रही है।

वार्ता से ठीक पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई कि आज की वार्ता में हल निकलेगा और किसानों की सभी बातों पर सरकार गौर करेगी। वहीं सातवें दौर की वार्ता से पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, कई मुद्दों पर चर्चा होनी है।

सरकार को समझना चाहिए कि किसान इस आंदोलन को अपने दिल में ले गया है और कानूनों को निरस्त करने से कम नहीं समझेगा। सरकार को स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू करना चाहिए और एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए।