किसान और सरकार हुई आमने सामने, जानिए क्या होगा आज रात…

जमीन किसान के ही पास रहती है। एग्रीमेंट और जमीन का कोई लेना देना नहीं है। नए कानून के बाद एक भी मंडी बंद नहीं हुई है। फिर क्यों ये झूठा फ्रम फैलाया जा रहा है।

सच्चाई तो ये है कि हमारी सरकार एपीएमसी को आधुनिक बनाने पर 500 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। फिर ये एपीएमसी बंद किए जाने की बात कहां से आ गई। नए कानूनों के तहत किसान चाहे मंडी में बेचे या फिर बाहर, ये उसकी मर्जी होगी। एमएसपी पहले की तरह बरकार रहेगी।

टिकरी और धांसा बॉर्डर पूरी तरह से बंद है। झटीकरा बॉर्डर सिर्फ दो पहिया वाहनों और पैदल जाने वालों के लिए खुला है। चिल्ली बॉर्डर पर दिल्ली से नोएडा आने वाला लेन खुला है।

हालांकि, नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता पूरी तरह से बंद है। पीएम मोदी ने कहा कि कृषि कानूनों के बारे में फैले भ्रम पर स्थिति को साफ करने की कोशिश की है। फार्मिंग एग्रीमेंट सिर्फ फसलों या उपज का समझौता होता है।

कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने के लिए दि्ल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों का आंदोलन आज 24वें दिन भी जारी है। कड़ाके की ठंड भी किसानों का इरादा नहीं डिगा सकी है।

किसानों का कहना है कि चाहे कितनी ही ठंड क्यों ना पड़े हम यहां से तब तक नहीं हटेंगे तब तक सरकार तीनों काले कानूनों को वापस नहीं लेती। आंदोलन के चलते आज भी दिल्ली के कई बॉर्डर बंद है और की रास्ते डायवर्ट किए गए हैं।