किसान आंदोलन को रोकन के लिए अब पुलिस करगी अपना काम , सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया ये…

केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय द्वारा 26 जनवरी को किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को पुलिस का मामला बताए जाने के बाद मामले में न्यायालय से हस्तक्षेप के अनुरोध वाली याचिका वापस ली।

 

उच्चतम न्यायालय ने 26 जनवरी की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर दायर याचिका पर कहा, आप प्राधिकार हैं और आपको इससे निपटना है, इसपर आदेश पारित करना अदालत का काम नहीं । सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के खिलाफ अपनी याचिका वापस लेने के लिए कहा।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के खिलाफ केंद्र की याचिका पर हम कोई आदेश पारित नहीं करेंगे। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने कहा है कि यह पुलिस को तय करना है। हम आदेश पारित नहीं करने वाले हैं। आप कार्रवाई करने के अधिकारी हैं।

समिति पर उठ रहे सावलों पर सीजेआई ने कहा कि समिति के सदस्यों को निर्यण लेने की कोई शक्ति नहीं दी गई है, उन्हें सिर्फ हमें रिपोर्ट करना होगा। इसमें पूर्वाग्रह का सवाल कहां है? अगर आप समिति के सामने पेश नहीं होना चाहते हैं, तो मत आइए, लेकिन किसी को इस तरह से बदनाम मत करिए और कोर्ट पर लांछन नहीं लगाइए।

एएनआई के मुताबिक, सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति को लेकर चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने समिति को किसानों को सुनने और हमारे पास आने और अपनी रिपोर्ट दर्ज करने की शक्ति दी है। इसमें पक्षपात की बात क्या है? उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट पर कोई लांछन न लगाए।

इससे पहले सोमवार को हुई सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि 26 जनवरी को किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली कानून-व्यवस्था से जुड़ा मामला है और यह फैसला करने का पहला अधिकार पुलिस को है कि राष्ट्रीय राजधानी में किसे प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए और किसे नहीं।

सीजेआई ने कहा कि अगर हम किसानों के कानूनों को बरकरार रखते हैं तो आप आंदोलन शुरू कर सकते हैं लेकिन शांति बनाए रखनी होगी। वहीं, 8 किसान यूनियनों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने CJI को बताया कि किसान केवल आउटर रिंग रोड पर शांतिपूर्ण तरीके से गणतंत्र दिवस मनाना चाहते हैं। वे शांति भंग नहीं करेंगे। आप समिति के किसी सदस्य पर केवल इस लिए आक्षेप लगा रहे हैं क्योंकि उसने कृषि कानूनों पर राय व्यक्त की है: उच्चतम न्यायालय।

समिति के पुनर्गठन की मांग वाली याचिका पर किसान महापंचायत को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। बता दें कि इस समिति से एक सदस्य ने खुद को अलग कर लिया है।

कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीनों से किसानों का प्रदर्शन जारी है और 26 जनवरी को ये किसान दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने वाले हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के विरोध में दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च कर पाएंगे या नहीं, आज इस पर सुप्रीम कोर्ट में आज भी सुनवाई हई।। कोर्ट ने कहा कि रैली को लेकर हम कोई आदेश नहीं दे सकते। सरकार अपनी याचिका वापस ले। दिल्ली पुलिस फैसला कर सकती है।