किसान आंदोलन के लिए शिवसेना करने जा रही ये काम, भारी संख्या में…

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के प्रमुख एम के स्टालिन तथा पीएजीडी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला समेत प्रमुख विपक्षी नेताओं ने रविवार को एक संयुक्त बयान जारी कर किसान संगठनों द्वारा आठ दिसंबर को किये गये ‘भारत बंद’ के आह्वान का समर्थन किया और केंद्र पर प्रदर्शनकारियों की वैध मांगों को मानने के लिये दबाव बनाया।

 

महाराष्ट्र की सत्तासीन शिवसेना ने केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को किसानों द्वारा आठ दिसंबर को बुलाए गए भारत बंद को रविवार को अपना समर्थन दे दिया।

राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई ने ने बताया कि, ‘शिवसेना के अध्यक्ष तथा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे किसान-विरोधी तथा श्रमिक-विरोधी केन्द्रीय कानूनों के खिलाफ हैं। हम भारत बंद का समर्थन करते हैं।’

इससे पहले दिन में शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने मुंबई में मुख्यमंत्री ठाकरे से मुलाकात की। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ठाकरे ने किसानों के प्रदर्शन को लेकर अकाली दल के रुख का समर्थन किया है।

नए कृषि कानूनों (New Farm Bill) के विरोध में किसान आज लगातार 12 वें दिन आदोंलन कर रहे हैं। सरकार और किसानों के बीच अब तक हुई पांच बैठकों के बाद भी कोई हल नहीं निकल सका है।

किसानों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए कल यानी आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। किसानों के इस आंदोलन को कांग्रेस, आम आदमी पार्टी का समर्थन पहले से ही मिल चुका है, ऐसे में अब शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) और शिवसेना ( Shivsena) ने भी किसनों के बंद को अपना समर्थन दे दिया है। किसनों के आंदोलन को विभिन्न दलों से मिल रहे समर्थन के बाद ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि अब ये आंदोलन और उग्र हो सकता है।