बैठक से बाहर निकलकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि आज किसान संघ के नेताओं के साथ चर्चा का पांचवां दौर पूरा हुआ। चर्चा बहुत अच्छे माहौल में हुई।
हमने कहा है कि MSP जारी रहेगी। MSP पर किसी भी प्रकार का खतरा और इस पर शंका करना बेबुनियाद है लेकिन फिर भी किसी के मन में कोई शंका है तो सरकार उसका समाधान करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने कहा कि APMC एक्ट राज्य का है और राज्य की मंडी को किसी भी प्रकार से प्रभावित करने का इरादा न तो हमारा है और न वो कानूनी रूप से वो प्रभावित होती है।
APMC और मजबूत हो इस दिशा में सरकार के लिए जो करना है, वह करने के लिए भी सरकार तैयार है। इसमें किसी को गलतफहमी है तो सरकार समाधान करने के लिए तैयार है।
किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने मीटिंग में केंद्र सरकार से साफ कहा कि वो अपनी मांगों से पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास एक साल का राशन-पानी है। हम कई दिनों से सड़क पर हैं।
अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर ही रहें तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। हम हिंसा का रास्ता नहीं चुनेंगे। इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको सूचना देगा कि हम प्रदर्शन स्थल पर क्या करने जा रहे हैं।
हम कॉर्पोरेट फार्मिंग नहीं चाहते हैं। इस कानून से सरकार फायदे में रहेगी ना कि किसान।’ वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से अलग से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वो प्रदर्शन में शामिल बुजुर्गों और बच्चों को घर भिजवा दें।
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान टिकरी बॉर्डर पर 11वें दिन भी जमे हुए हैं। केंद्र सरकार और किसानों के बीच 5वें दौर की बातचीत विज्ञान भवन में हुई। बैठक में 40 किसान प्रतिनिधि मौजूद रहे।
हालांकि सरकार से साथ किसानों की पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। केंद्र सरकार के साथ बैठक के बाद विज्ञान भवन से बाहर निकले किसान संघों के नेताओं ने कहा कि सरकार ने उनसे कहा है कि वे 9 दिसंबर को एक प्रस्ताव देंगे।
उस पर किसान आपस में चर्चा कर लेंगे और उसी दिन सरकार के साथ बैठक में उस पर बात होगी। किसान संघ के नेताओं ने मंत्रियों से साफ कह दिया है कि वे सरकार के अंतिम फैसले का इंतजार करेंगे।