किसानों ने सरकार से की ये बड़ी डिमांड , कहा 9 दिसंबर को एक बार …

किसानों की ओर से कहा गया था कि सरकार बार-बार तारीख दे रही है, सभी संगठनों ने एकमत से फैसला लिया है कि अब बातचीत का आखिरी दिन है. किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी. बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी.

किसानों का ये तेवर बैठक में भी दिखा. वार्ता के दौरान किसान नेता सरकार से बेहद नाराज नजर आए. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार हमारी मांगों पर फैसला ले, नहीं तो हम बैठक से जा रहे हैं.

किसान संगठनों ने कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है. सरकार को तय करना है वो क्या चाहती है. किसान नेताओं ने सरकार से कहा कि आप बता दीजिए कि आप हमारी मांग पूरी करेंगे या नहीं. किसान सरकार से हां या ना में जवाब मांग रहे थे. वे प्ले कार्ड लेकर पहुंचे थे, जिसपर Yes or No लिखा था.

किसानों के साथ मीटिंग से पहले ही बैठकों का दौर शुरू हो गया था. सुबह गृह मंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे. किसान संगठनों के साथ पांचवें की दौर की वार्ता से पहले एक और बैठक हुई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहे. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मीटिंग में शामिल होने पहुंचे. इसके बाद पीएम मोदी और अमित शाह की फिर बैठक हुई.

इसके बाद दो बजे सरकार और किसानों की वार्ता शुरू हुई. बैठक में सरकार की ओर से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे. वहीं, किसानों की ओर से उनके 40 प्रतिनिधि शामिल थे. बैठक शुरू होने से पहले ही किसानों ने तेवर दिखा.

देश के किसान कृषि कानूनों के विरोध में दस दिनों से सड़क पर हैं. वे दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. किसानों के विरोध के गतिरोध को खत्म करने के लिए अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है. शनिवार को पांच घंटे की वार्ता में किसान और सरकार किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे, जिसके बाद 9 दिसंबर को एक बार फिर दोनों पक्ष आमने-सामने होंगे.