किसानों ने किया ये खतरनाक काम, यूपी बॉर्डर पर…, देख छूटे नेताओ के पसीने

किसान संगठनों के साथ मंगलवार को हुई बैठक में भले ही कोई हल न निकला हो, मगर सरकार ने किसान नेताओं से संबंधित प्रावधानों पर लिखित आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं. इसकी रिपोर्ट बुधवार तक किसान प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराना है. इस पर अगले दिन तीन दिसंबर को दोपहर 12 बजे से चर्चा होगी.

सरकार का कहना है कि इससे जरूरी मुद्दों पर सही तरह से बातचीत करने में आसानी रहेगी. सरकार का कहना है कि पहले किसान संगठन नए बने कानूनों को लेकर अपने मुद्दे की सही तरह से पहचान कर लें. लिखित में अपने सुझावों का पुलिंदा तैयार करें.

मंगलवार को विज्ञान भवन और कृषि मंत्रालय में हुई बैठक के बेनतीजा रहने के कारण अब सरकार और किसान संगठनों की नजरें तीन दिसंबर को होने वाली बैठक पर टिकी हैं.कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बैरिकेड्स गिराए.

हमारी जो कल बैठक हुई उसमें सरकार ने एक कमेटी बनाने की बात कही,लेकिन हमने पहले भी देखा है कि देश में कुछ भी घपला होता है तो उसके लिए कमेटी बनती है, लेकिन आज तक किसी भी कमेटी का हल नहीं निकला इसलिए हमारी मांग है कृषि कानूनों को जल्दी रद्द किया जाए. ‘ताकि तीन दिसंबर को होने वाली चौथे राउंड की बैठक में आसानी हो.