न्यायालय ने 12 जनवरी को कहा था कि इस मामले में आठ सप्ताह बाद आगे सुनवाई करेगा तब तक समिति इस गतिरोध को दूर करने के लिये अपने सुझाव दे देगी.
उल्लेखनीय है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों किसान पिछले एक महीने से भी अधिक समय से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
इससे पहले सोमवार (18 जनवरी) को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 26 जनवरी को किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली कानून-व्यवस्था से जुड़ा मामला है और यह फैसला करने का पहला अधिकार पुलिस को है कि राष्ट्रीय राजधानी में किसे प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए.
शीर्ष अदालत प्रस्तावित ट्रैक्टर या ट्रॉली रैली या गणतंत्र दिवस पर समारोहों और सभाओं को बाधित करने की कोशिश करने अन्य प्रकार के प्रदर्शनों पर रोक लगाने के लिये केंद्र की याचिका पर सुनवाई कर रही है.
26 जनवरी को किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली निकालने को लेकर उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि ट्रैक्टर रैली निकालने या रोकने को लेकर फैसला पुलिस लेगी.
इसका अधिकार पुलिस के पास है. कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार करते हुए कहा कि ट्रैक्टर रैली को पुलिस जरूरी आदेश जारी करे और सरकार अपनी याचिका वापस ले सकती है.