किसानों को लेकर सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला , 2 साल लागू होगा ये कानून फिर देखें…

किसान संगठन कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 का विरोध कर रहे हैं.

सितंबर में बनाए गए इन तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने कृषि क्षेत्र में एक बड़े सुधार के रूप में पेश किया है और कहा है कि इससे बिचौलिये हट जाएंगे और किसान देश में कहीं भी अपनी उपज बेच पाएंगे.

हालांकि किसान संगठनों को आशंका है कि इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी व्यवस्था खतरे में आ जाएगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों पर निर्भर छोड़ दिया जाएगा. मगर सरकार ने कहा है कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था बनी रहेगी.

बातचीत से पहले, पंजाब के किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के संयुक्त सचिव, सुखविंदर सिंह साबरा ने कहा, “किसान और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है. हमें नहीं लगता कि हम आज भी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे. तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए.”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहकिसान कम से कम 2 साल इस कानून को उपयोग करके देखे कि ये कानून कितना उपयोगी है फिर अगर आपको लगता है कि कानून में संशोधन करने की जरूरत है तो हमारी सरकार संशोधन करने के लिए तैयार है और आज भी किसान बातचीत करे, उन्हें लगता है कि इसमें संशोधन की आवश्यकता है तो हम तैयार हैं

गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा कि देश में मजबूत विपक्ष नहीं होने की वजह से किसानों को सड़कों पर उतरना पड़ा है.

राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन”देश में मजबूत विपक्ष का होना जरूरी है, जिससे सरकार डरे, लेकिन यहां ऐसा नहीं है. इसलिए किसानों को सड़कों पर उतरना पड़ा है. विपक्ष को कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर विरोध में बैठना चाहिए.”

केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन लगातार जारी है. इस बीच सरकार और किसान नेताओं के बीच आज दोपहर 2 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में अगले दौर की बातचीत होगी.

बातचीत के लिए मुद्दे पहले से ही तय है. किसान संगठन की ओर से वार्ता के लिए जो चार मुद्दे सुझाए गए हैं, जि,में कृषि कानूनों को रद्द करने से लेकर एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान शामिल हैं.

सरकार और किसानों के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रही हैं. किसान नेताओं और गृहमंत्री अमित शाह के बीच भी बैठक हुई, लेकिन इसमें भी किसानों की समस्या का कोई हल नहीं निकला. बता दें कि कई किसान संगठन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं.