किसानों के समर्थन में आए ये लोग, 26 जनवरी को करेंगे ये काम

मदन शर्मा ने 18 साल फौज की नौकरी की और हवलदार के पद से रिटायर हुए. उन्होंने देश के अलग-अलग राज्यों में अपनी सेवा दी. उन्होंने कहा कि सबसे पहले हम किसान हैं.

 

हम किसान के बेटे थे और उसके बाद हमने फौज की नौकरी की फिर हम जवान बने अब जब हम पूर्व सैनिक हो गए तो रिटायरमेंट के बाद हम दोबारा फिर से किसान बन गए.

अब केंद्र सरकार किसानों का हक छीन रही है तो इसलिए हम एक साथ हैं. हम उनका साथ दे रहे हैं हमें हमारे पूर्व सैनिकों की ओर से आदेश मिले हैं. हम सब 26 जनवरी को अपने सेना मेडल सरकार को वापस करेंगे.

गुलाब सिंह का कहना है कि हमारा किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है हम उसके साथ हैं. गुलाब सिंह कहते हैं कि एक गरीब किसान का बेटा ही फौज की नौकरी करता है. दूसरों को कोई जरूरत नहीं होती इसीलिए बॉर्डर पर हम रक्षा करते हैं और हमारे परिवार अपनी लड़ाई लड़ने के लिए दिल्ली बैठे हैं.

हम उनके साथ खड़े हैं, अगर सरकार ने ये कानून वापस नहीं लिए तो हम आने वाली 26 जनवरी को अपने सेना मेडल वापस करेंगे और इसे लेकर पूरे देश के जो पूर्व सैनिक हैं उनकी एक मीटिंग हो चुकी है. हम अपने मेडल राष्ट्रपति को 26 जनवरी को वापस करेंगे.

पंजाब के करीब साढ़े तीन लाख रिटायर्ड पूर्व सैनिक भी किसान आंदोलन के समर्थन के लिए तैयार हैं. पूर्व कैप्टन गुलाब सिंह ने सेना में 30 साल नौकरी की और कैप्टन के पद से रिटायर होकर अपने गांव में रह रहे हैं.

उन्होंने बताया कि उन्होंने देश के हर उस कोने में अपनी सेवा दी है जहां हालात बेहद मुश्किल होते हैं, अब गुलाब सिंह अपने साथियों समेत दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं.

पंजाब के पूर्व सैनिकों ने ऐलान किया है कि देश की शान के लिए जवान देश की रक्षा करता है और किसान देश को अनाज पैदा करके देता है और इसी वजह से देश में जय जवान जय किसान का नारा हमेशा ही गूंजता रहता है. पूर्व सैनिकों ने ऐलान किया है कि अगर किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो 26 जनवरी को पूरे देश के पूर्व सैनिक अपने मेडल राष्ट्रपति को वापस करेंगे.

आंदोलन के बीच किसानों को रिटायर्ड जवानों का भी साथ मिल गया है. पंजाब के पूर्व सैनिकों का कहना है कि सरकार ने अगर कानून वापस नहीं लिए और किसानों की मांग नहीं मानी तो देशभर के सैनिक 26 जनवरी को राष्ट्रपति को मेडल वापस लौटाएंगे.