किसानों के समर्थन में अन्ना हजारे करने जा रहे ये काम, देख सरकार के छूटे पसीने

अन्ना हजारे ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी एक चिट्ठी लिखी थी अपने फैसले को दोहराया कि ”वह जनवरी के अंत में दिल्ली में किसानों के मुद्दे पर अंतिम भूख हड़ताल करेंगे।”

 

अन्ना का कहाना है कि बातचीत में कहा कि नए कृषि कानून ”लोकतांत्रिक मूल्यों” के अनुरूप नहीं हैं और विधेयकों का मसौदा बनाने में जन भागीदारी जरूरी है।

अन्ना हजारे ने पिछले साल 14 दिसंबर को भी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर आगाह किया था कि कृषि पर एम एस स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों समेत उनकी मांगें नहीं मानी गयीं तो वह भूख हड़ताल करेंगे।

उन्होंने कृषि लागत और मूल्य के लिए आयोग को स्वायत्तता प्रदान करने की भी मांग की है। हजारे ने कहा, ”किसानों के मुद्दे पर मैंने केंद्र के साथ) पांच बार पत्र व्यवहार किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया।” हजारे ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा था, ”इस कारण मैंने अपने जीवन की अंतिम भूख हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।”

वर्ष 2011 में भ्रष्टाचार रोधी मुहिम का अग्रणी चेहरा रहे हजारे ने याद दिलाया कि उन्होंने जब रामलीला मैदान में भूख हड़ताल शुरू की थी तो तत्कालीन संप्रग सरकार को संसद का विशेष सत्र आहूत करना पड़ा था।

उन्होंने कहा, ”उस सत्र में आप और आपके वरिष्ठ मंत्री भाजपा उस समय विपक्ष में थी) ने मेरी प्रशंसा की थी लेकिन अब मांगों पर लिखित आश्वासन देने के बावजूद आप उन्हें पूरा नहीं कर रहे हैं।”

अन्ना के इस आंदोलन के पहले बीजेपी नेता लगातार उनसे मिलकर इस आंदोलन को न करने की अपील कर रहे हैं साथ ही केंद्र की तरफ से उन्हें कृषि बिल को लेकर दो बार प्रस्ताव भी दिया जा चुका है।

ऐसे में अगर आज भी अन्ना नहीं माने तो कल से रालेगण में अन्ना अनशन के जरिये आंदोलन की शुरुआत करेंगे। अन्ना के अनशन से केंद्र की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आज दोपहर 2 बजे के करीब समाजसेवी अन्ना हजारे से उनके गांव रालेगण सिद्धी में मुलाकात करने वाले हैं। इससे पहले भी एक बार फडणवीस और कल गिरीश महाजन अण्णा से मुलाकात कर चुके है। केंद्र के नए कृषि बिल के विरोध और किसान आंदोलन के समर्थन में कल से अन्ना हजारे भूख हड़ताल शुरू करेंगे।