किसानों के आंदोलन को लेकर शरद पवार ने केंद्र सरकार को दी ये बड़ी सलाह, जल्द करने को कहा…

बता दें कि पिछले एक महीने से ज्यादा समय से हजारों किसान देश की राजधानी नई दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं।

 

मांग पूरी नहीं होने पर आगामी दिनों में उन्होंने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। वहीं, केंद्र सरकार इन कानूनों को वापस लिए जाने के कोई संकेत नहीं दे रही है।

आंदोलन के गैर राजनीतिक स्वरूप को लेकर पवार ने कहा कि पहले दिन ही किसानों ने स्पष्ट कर दिया था कि वे इस आंदोलन में किसी भी राजनीतिक संगठन के साथ जुड़ना नहीं चाहते हैं।

उधर, बैठक के बाद येचुरी ने कहा, ‘शरद पवार से मेरी भेंट हुई। यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। हमने किसानों के आंदोलन पर चर्चा की। विपक्षी दल हालात पर चिंतित हैं, हमें 30 दिसंबर को उनकी बैठक के नतीजों का इंतजार है और फिर आगे का फैसला करेंगे।’

सरकार और किसानों के बीच प्रस्तावित वार्ता के दो दिन पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि केंद्र को किसानों के आंदोलन को ‘बहुत गंभीरता’ से लेना चाहिए और दोनों पक्षों के बीच वार्ता होनी चाहिए।

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि यह चिंता की बात है कि किसान नए कृषि कानूनों पर केंद्र के साथ गतिरोध के बीच भीषण ठंड में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात के बाद पवार ने कहा, ‘सरकार को किसानों के आंदोलन को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए… वार्ता होनी चाहिए। किसान कंपकंपाती ठंड में सड़क पर खुले में प्रदर्शन कर रहे हैं, यह हम सबके लिए चिंता की बात है।’