कांग्रेस को फौज की मजबूती नहीं चाहिए, हमेशा इस तरह का आरोप प्रधानमंत्री लगाते हैं

प्रधानमंत्री सार्वजनिक सभाओं में जिस तरह आक्रामक होकर बोलते हैं, कुछ इसी तरह का भाषण प्रधानमंत्री मोदी संसद में भी करते हैं। सत्ताधारी दल के लोग प्रधानमंत्री के हर वाक्य पर मेज पीटते रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में कांग्रेस को ठोंक डाला। बखूबी चमड़ी उधेड़ डाली। देश की वायुसेना मजबूत न हो, इसी के लिए राफेल करार पर सतत टिप्पणी किए जाने का आरोप मोदी ने किया। कांग्रेस को फौज की मजबूती नहीं चाहिए, हमेशा इस तरह का आरोप प्रधानमंत्री लगाते हैं और दूसरे दिन ही राफेल करार में मोदी की व्यक्तिगत रुचि कितनी थी, इस संदर्भ से जुड़े कागजातों का सबूत सामने आ जाता है, इसे क्या कहें?

राफेल करार हवाई सेना की मजबूती के लिए हुआ या दलदल में फंसे उद्योगपति की मजबूती के लिए किया गया। इस सवाल का जवाब प्रधानमंत्री की ओर से अपेक्षित है।  इस बारे में सारे निर्णय मोदी ने ही लिया है। इसलिए आरोप और टिप्पणी के लिए उन्हें ही जिम्मेदार होना पड़ेगा। ‘चौकीदार चोर है’ यह नारा राहुल गांधी ने दिया और वो देश के कोने-कोने में पहुंच गया।  प्रधानमंत्री कहते हैं तुम मोदी पर टिप्पणी करो, भाजपा पर टिप्पणी करो लेकिन देश पर टिप्पणी मत करो।’ इसका अर्थ मोदी भक्त ही समझाकर बताएं। संदेहास्पद व्यवहार जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, उस पर स्पष्टीकरण मांगना देश पर टिप्पणी किस तरह हो सकता है?

500 करोड़ का राफेल विमान 1600 करोड़ में खरीदने के पीछे क्या तर्क है? इसका संतोषजनक जवाब मिलने तक देश का हर नागरिक यह सवाल पूछता रहेगा। मौजूदा राजनीति में राष्ट्रवाद और देशभक्ति की व्याख्या बदल दी गई है। राफेल करार का भजन जो गाएगा वो देशभक्त तथा राफेल की कीमतों को बढ़ाकर किसको फायदा पहुंचाया गया, ऐसा पूछनेवाले देशद्रोही।

अब राफेल मामले में मोदी के ‘शामिल’ होने का एक नया दस्तावेज सामने आया है। ‘देश की सुरक्षा और ‘राफेल’ के संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लोकसभा में किए गए हमले के 24 घंटे में ही राहुल गांधी ने यह प्रति हमला किया है। मोदी की पार्टी और बाहर सच्चे दोस्त नहीं रहे। व्यवहार में भावनाएं नहीं होतीं। राफेल में व्यवहार है और यह सबूतों के साथ सामने आ चुका है। बेवजह विरोधियों को दोष क्यों देते हो? ‘सत्यमेव जयते’ ही देश को जीवंत रखने का मंत्र है। विरोधी मारे जाएंगे, लेकिन सत्य जिंदा रहेगा!