कांग्रेस के इस नेता का हुआ निधन, प्रधानमंत्री ने जताया शोक

बूटा के परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं। 21 मार्च, 1934 को पंजाब के जालंधर के मुस्तफापुर गांव में जन्मे बूटा 8 बार लोकसभा के लिए चुने गए। हालांकि, बाद में कांग्रेस पार्टी ने राज्यपाल बनाकर उन्हें बिहार भेज दिया था। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाला था।

बूटा सिंह ने इंदिरा गांधी की अगुआई वाली कांग्रेस के इकलौते राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कड़ी मेहनत के बाद पार्टी को 1980 में फिर से सत्ता में लाने के लिए बड़ी भूमिका निभाई थी। इसके बदले में कांग्रेस ने भी उन्हें अपनी सरकार में काफी अहम जिम्मेदारी दी थी। देश के गृहमंत्री के तौर पर सरकार के दूसरे सबसे ताकतवर पद पर भी पार्टी ने उन्हें बिठाया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बूटा सिंह के निधन पर ट्वीट कर कहा कि श्री बूटा सिंह जी गरीबों के कल्याण के साथ-साथ दलितों के कल्याण के लिए एक अनुभवी प्रशासक और प्रभावी आवाज थे। उनके निधन से मन दुखी है।

उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस पार्टी के कभी बड़े नेता रहे बूटा सिंह का निधन हो गया है। बूटा सिंह बिहार राज्य के राज्यपाल भी रहे थे।

बूटा सिंह के निधन पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक जताया है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, परिवार ने बूटा सिंह का अंतिम संस्कार आज ही करने का फैसला लिया है।