कश्मीर में लगी पाबंदियों का केंद्र सरकार ने किया बचाव, दिया जवाब

 जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद वहां लागू की गई तमाम तरह की पाबंदियों की खूब आलोचना हो रही है. विपक्षी इसे सरकार की तानाशाही बता रहे हैं. इस मुद्दे में एक याचिका एससी में दायर की गई थी. अब सरकार के एक सीनियर ऑफिसर ने इसे बंदिशों का बचाव किया है. ऑफिसर का बोलना है कि ये बंदिशें क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम रखने  हिंसक गतिविधि को रोकने के लिए की गई है. उनके मुताबिक,लोगों की आवाजाही  संचार पर पाबंदी में चरणबद्ध ढंग से ढील दी जाएगी  लोकल प्रशासन के आकलन के बाद ही ये पाबंदी हटाई जाएंगी.

आगे उन्होंने बताया कि, जमीनी स्थिति का आकलन करने के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला  महबूबा मुफ्ती समेत अन्य नेताओं को रिहा किया जाएगा. जम्मू औरकश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने बताया कि कश्मीर घाटी से उड़ानों का संचालन सामान्य रूप से हो रहा है. करीब 1500 हल्के वाहनों  दूसरे वाहनों की प्रतिदिन हाईवे पर आवाजाही हो रही है.

13,500 मरीजों का श्रीनगर के कई अस्पतालों में उपचार चल रहा है. प्रतिदिन करीब 100 भारी वाहन एलपीजी सिलिंडर  दूसरी महत्वपूर्ण वस्तुएं पहुंचा रहे हैं. उन्होंने बोला कि जिलों में 15 अगस्त के ड्रेस रिहर्सल के बाद उम्मीद है कि सुरक्षा बंदोबस्त में कुछ ढील दी जा सकती है. इससे पहले नौ अगस्त को जुमे की नमाज अदा के लिए पाबंदियों में ढ़ील दी गई थी. फिर सोमवार को बकरीद के कारण ढ़ील दी गयी थी. इस पाबंदियों के विरूद्ध एससी में एक याचिका भी दायर की गई थी.