कपिल सिब्बल ने उच्च न्यायालय व सॉलिसिटर जनरल पर लगाये गंभीर आरोप, जाने क्या

आईएनएक्स केस में CBI द्वारा अरैस्ट किए गए पूर्व वित्त मंत्री  कांग्रेस पार्टी के वरीय नेता पी चिदंबरम का न्यायालय में पक्ष रख रहे कपिल सिब्बल ने उच्च न्यायालय  सॉलिसिटर जनरल पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बता दें सिब्बल भी कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता  वरिष्ठ एडवोकेट हैं. सिब्बल ने यह आरोप प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर सुनवाई के दौरान लगाए. कपिल सिब्बल ने बताया कि दिल्ली उच्च न्यायालय में जब बहस समाप्त हो गई थी तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्च न्यायालय में जस्टिस गौड़ को एक नोट दिया था.

हमें उसपर जवाब देने का मौका नहीं मिला. इसी नोट को जस का तस निर्णय में बदलकर चिदंबरम को जमानत देने से मना किया गया. इस पर सॉलिसिटर जनरल मेहता ने सिब्बल को झूठे बयान न देने को कहा. उन्होंने बोला कि जिरह समाप्त होने के बाद उन्होंने कोई नोट नहीं दिया था. सुप्रीम कोर्ट में CBI  प्रवर्तन निदेशालय से जुड़े मुद्दे की सुनवाई सोमवार को होगा. वहीं शीर्ष न्यायालय द्वारा आदेश देने के बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता न्यायालय को पढ़ने के लिए कुछ दस्तावेज देना चाहते थे जिन्हें कि प्रवर्तन निदेशालय ने इकट्ठा किया था.

इसका सिब्बल  सिघंवी ने विरोध करते हुए बोला कि ऐसा पहले भी हाई कोर्ट में हो चुका है. शीर्ष न्यायालय ने दस्तावेजों को लेने से मना करते हुए बोला कि सबकुछ सोमवार को लिया जाएगा. उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली हाीकोर्ट के आदेश के विरूद्ध  CBI हिरासत के विरूद्ध पी चिदंबरम की दायर याचिका पर सोमवार 26 अगस्त को सुनवाई करने के लिए बोला है. आईएनएक्स मीडिया मुद्दे की CBI  प्रवर्तन निदेशालय दोनों ही एजेंसियां जाँच कर रही हैं. CBI को राउज ऐवेन्यू न्यायालय ने 26 अगस्त तक चिदंबरम की हिरासत दी हुई है. प्रवर्तन निदेशालय भी पूर्व केंद्रीय मंत्री से पूछताछ करना चाहता है  इसी कारण वह उनकी रिमांड चाहता है.