कच्चे तेल पर अमेरिकी प्रतिबंध से होगी किल्लत, ईरान के सर्वोच्च नेता ने बताया शत्रुतापूर्ण कदम

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामैनी ने तेल प्रतिबंध पर दी गयी छूट को वापस लेने के अमेरिकी कदम को बुधवार को शत्रुतापूर्ण कदम करार दिया और कहा कि इस कदम पर ईरान चुप नहीं बैठेगा।

खामैनी के आधिकारिक अंग्रेजी भाषा के ट्विटर अकाउंट पर तेहरान में कार्यकर्ताओं को दिये गये उनके संबोधन का अंश पोस्ट किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा, “ईरान की तेल बिक्री का बहिष्कार करने के अमेरिकी प्रयासों से उसे कुछ हासिल नहीं होगा। हम उतना तेल बेचेंगे जितनी हमारी जरूरत है और जितना हम चाहते हैं।”

अमेरिका ने सोमवार (22 अप्रैल) को घोषणा की कि वह ईरान से तेल खरीद पर भारत, चीन और तुर्की समेत कुछ देशों को दी गयी छूट पर रोक लगा देगा। पिछले साल मई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व शक्तियों द्वारा 2015 में ईरान के साथ किये गये समझौते से खुद को अलग कर लिया था। समझौते के मुताबिक इस्लामी गणराज्य को अपने परमाणु कार्यक्रमों पर रोक के बदले प्रतिबंध में राहत मिली थी।

अमेरिका ने पिछले साल नवंबर में ईरान पर तेल प्रतिबंध फिर से लगा दिया हालांकि शुरू में उसने कई अमेरिकी सहयोगी देशों समेत आठ को इस प्रतिबंध से छह महीने की छूट दी थी। पांच अन्य देशों में यूनान, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया और ताइवान शामिल हैं। ईरान ने इन प्रतिबंधों को “अवैध” बताया है। खामैनी ने अपने भाषण में कहा, “वे (अमेरिका) सोचते हैं कि उन्होंने ईरान की तेल बिक्री को बाधित कर दिया, लेकिन हमारा सशक्त राष्ट्र और सतर्क अधिकारी अगर कड़ी मेहनत करें तो वे कई रुकावटों को खोल सकते हैं।

खामैनी के भाषण का एक अंश सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित हुआ। उन्होंने कहा, “दुश्मनों ने बार-बार बिना वजह हमारे महान राष्ट्र (हमारी) और क्रांति के खिलाफ कार्रवाई की है. लेकिन उन्हें निश्चित तौर पर यह जान लेना चाहिए कि ईरानी कभी हार नहीं मानेंगे।” खामैनी तेहरान में बोल रहे थे। उन्होंने बार-बार अपने रुख को दोहराया कि ईरान को कच्चे तेल के बजाय रिफाइंड तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बिक्री की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

उन्होंने कहा, “मैं तेल की बिक्री के इस किस्म पर निर्भरता को कम करने की सराहना करता हूं।” ईरान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि ईरान ने “कभी प्रतिबंधों पर दी गयी छूट” पर भरोसा नहीं किया और न ही उसे कभी अहमियत दी। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावद जरीफ ने मंगलवार को कहा कि ईरानी ट्रंप को नहीं सुनेंगे।