एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में पटियाला हाउस न्यायालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम व उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक अब 1 नवंबर तक बढ़ा दी है।इस दौरान चिदंबरम पिता-पुत्र की अग्रिम जमानत पर प्रवर्तन निदेशालय को 1 नवंबर से पहले न्यायालय में जवाब दाखिल करना होगा। दरअसल, न्यायालय इस समय कार्ति व पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इस अग्रिम जमानत का प्रवर्तन निदेशालय विरोध कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि उसे जांच आगे बढ़ाने वआरोपियों से पूछताछ करने के लिए हिरासत चाहिए। ऐसे में आरोपियों की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाया जाए। इससे पहले न्यायालय ने आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए अब तक सरकारी अनुमति न लेने पर जांच एजेंसी CBI व प्रवर्तन निदेशालय को फटकार लगाई थी।
कोर्ट ने जांच एजेंसियों को फटकार लगाते हुए बोला था कि अगर मामले की अगली सुनवाई (26 नंवबर) तक चार्जशीट में दर्ज नामों के विरूद्ध गवर्नमेंट से कार्रवाई के लिए अनुमति नहीं मिली तो न्यायालय जांच एजेंसियों की तरफ से दायर चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लेगी। दरअसल, पी चिदंबरम व कार्ति चिदंबरम सहित अन्य आरोपियों के विरूद्ध प्रवर्तन निदेशालय वCBI की ओर से दायर चार्जशीट पर पटियाला हाउस न्यायालय को संज्ञान लेना है।
आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने कार्ति जबकि CBI ने पी चिदंबरम व कार्ति चिदंबरम के विरूद्ध चार्जशीट दाखिल की थी। इससे पहले CBI ने न्यायालय को बताया था कि 6 सरकारी ऑफिसर व सेवानिवृत्त अधिकारियों के विरूद्ध केस चलाने की मंजूरी विभागों से ली जा रही है।
एयरसेल-मैक्सिम केस में दायर हुई थी चार्जशीट
एयरसेल-मैक्सिस मामले में CBI ने पूर्व वित्तमंत्री पी। चिदंबरम व उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को आरोपी बनाते हुए उनके विरूद्ध पटियाला हाउस न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी।चार्जशीट में बोला गया था कि पी। चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए अपनी क्षमता का गलत प्रयोग किया। उनके विरूद्ध आईपीसी की धारा 120B व पीसी एक्ट की धारा 7, 1213(2)के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है। दरअसल, इस मामले में कुल 18 लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके विरूद्ध चार्जशीट दाखिल की गई थी, जबकि प्रवर्तन निदेशालय ने कार्ति चिदंबरम के विरूद्ध चार्जशीट दाखिल की थी।
क्या है मामला
पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई के अनुमोदन के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी को नजरअंदाज कर दिया था।प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति केबिना ही मंजूरी दी थी, जबकि ये डील 3500 करोड़ रुपये की थी। वहीं दूसरी ओर INX मीडिया हेराफेरी मामले में पी चिदंबरम व उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर हेराफेरी करने का आरोप है।